Ø यह एक राष्ट्रीय मानव (मातृ) दुग्ध बैंक और दुग्धपान परामर्श केंद्र है।
Ø यह समूचे उत्तर भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा राष्ट्रीय मानव (मातृ) दुग्ध बैंक और दुग्धपान परामर्श केंद्र होगा।
Ø इस बैंक के जरिए दिल्ली के आस-पास के सभी नवजात बच्चों को जीवन रक्षक दुग्ध की उपलब्धता से विषम परिस्थितियों में लाभ होगा।
Ø “वात्सल्य- मातृ अमृत कोष” की स्थापना नॉर्वे की सरकार, ओस्लो विश्वविद्यालय और निपी - नॉर्वे इंडिया पार्टनर इनीशियेटिव के सहयोग से हुई है।