27 April Rajasthan

सरकारी स्कूलों की किताबों का कंटेंट चोरी: संस्था द्वारा किताबें छपकर अब तक स्कूलों में नहीं पहुंची और इससे पहले निजी प्रकाशक ने हू--हू कंटेंट के साथ अपनी पुस्तकें जारी कर दी। सरकारी किताबों से पहले निजी प्रकाशक की हूबहू कंटेंट के साथ किताबें बाजार में आने का सीधा लाभ प्रकाशक को होता है। सरकारी किताब की कीमत जहां 20-30 रुपए होती है वहीं इसी कंटेंट को निजी प्रकाशक दो से तीन गुना कीमत में बेचते हैं। इसके अलावा इस वर्ष अभी तक सरकारी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची है। इसमें देरी भी की जा रही है। यह देरी भी निजी प्रकाशक को लाभ पहुंचाने का कारण हो सकता है। 

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