1. जातियों का इतिहास सहेजने के लिए वंशावली अकादमी का प्रस्ताव :
- किसलिए : प्रदेश में रहने वाली जातियों और उनकी भाषाओं के ऐतिहासिक साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए
- प्रदेश में कौनसी जाति कब आई और इससे पहले उन्होंने कहां-कहां प्रवास किया, यहां प्रचलित भाषाएं काैन-कौनसी रही...इन सबका हिस्टोरिकल रिकॉर्ड इकट्ठा करने और उसे एक जगह संरक्षित करने का काम यह अकादमी करेगी।
- प्रदेश में हिंदी, पंजाबी, संस्कृत, बृज भाषा, राजस्थानी, संगीत, ललित कला और साहित्य अकादमी संचालित हैं, लेकिन जातियों और भाषाओं के ऐतिहासिक प्रमाणों को एक जगह इकट्ठा करने के लिए कोई आधिकारिक संस्था नहीं है।
2. प्रथम 50 स्मार्ट सिटी में अजमेर और कोटा नहीं
- कोटा अजमेर द्वारा हाल ही दूसरे फेज के 13 शहरों के चयन के लिए किए गए फास्ट ट्रैक प्रतिस्पर्धा के नियमों का पालन नहीं करने और रिपोर्ट नहीं देने के कारण पिछड़ गए।
- इन दोनों शहरों के प्लान अप्रूव होकर स्मार्ट सिटी विकास की राशि दो साल बाद 2018-19 में ही मिल पाएगी। इस साल प्रथम बीस शहरों के लिए राशि जारी की गई।
- प्रथम पचास स्मार्ट सिटी में राजस्थान से पहली 20 की सूची में तीसरे नंबर पर रहे जयपुर और 16 वें स्थान पर रहे उदयपुर ही स्थान पा सकेंगे।