1. जैसलमेर में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण:
जैसलमेर जिले के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को सुपर सोनिक बेलस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।
2. मेहरानगढ़ दुर्ग को ट्रिप एडवाइजर सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस :
ट्रेवल वेबसाइट ट्रिप एडवाइजर की ओर से यह प्रमाण पत्र दिया गया है
किले का इतिहास :
Øमेहरानगढ़ का भव्य और अद्भुत किला राव जोधा द्वारा 1459 ईस्वी में बनवाया गया था।
Øजमीन से करीब 400 फीट की ऊंचाई पर बना ये किला राठौड़ वंश के शौर्य का प्रतीक है।
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राठौड़ वंश के चारण व भाट के अनुसार राठौड़ों का राज पूर्व में तत्कालीन कन्नौज (उत्तरप्रदेश) में हुआ करता था। 12 वीं सदी में मध्ययुगीन राजपूत शासकों की तरह राठौड़ भी अफगानिस्तान के आक्रमणकारियों से हार गए थे। इस दर्दनाक अंत के बाद राठौड़ पाली, मारवाड़ आकर बस गए।
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ऐसा माना जाता है कि राठौड़ वंशजों को यहां ब्राह्मणों को स्थानीय जनजातियों से बचाने के लिए यहां रुकना पड़ा।
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जोधपुर का नाम राव जोधा के नाम पर पड़ा। क्योंकि राठौड़ खुद को सूर्यदेव का वंशज मानते हैं इसलिए किले का नाम रखा गया- मेहरानगढ़, जिसका अर्थ है सूर्य का गढ़। करीब पांच सौ यार्ड लम्बाई में फैले इस दुर्ग की दीवारें 120 फीट ऊंची और 70 फीट मोटी हैं
- इस किले की विशेषता ये है कि जो तत्कालीन राजा जब भी कोई युद्ध जीतते, तो किले में एक नया द्वार बनवाते। इस प्रकार इस किले में सात गेट हैं, जो राजाओं की विजयगाथा गाते हैं। इन द्वारों पर तोप के गोलों के निशान आज भी हैं।
- किले का सबसे बड़ा कमरा मोती महल है, जिसे पर्ल पैलेस के रूप में भी जाना जाता है। यह महल राजा सूर सिंह ने बनवाया था।