किताबों की फोटोकॉपी करा सकेंगे:HC

क्या था मामला 

नवंबर 2012 में कोर्ट ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स नार्थ कैंपस में रामेश्वरी फोटोकॉपी पर रोक लगा दी थी. इस मामले में प्रकाशक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस और टेयलर एंड फ्रांसिस की तरफ से याचिका दायर की गई थी. इन तीनों की तरफ से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि किस्योक उनके कॉपीराइट का उल्लंघन कर रहे हैं. वहीं, डीयू के उकसाने पर छात्र उनकी किताबों की फोटोकॉपी करवा रहे हैं, जिससे उनकी किताबें बिक नहीं रही हैं.

 फैसला :

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तीन अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की याचिका को निरस्त करते हुए उनकी किताबों की फोटोकॉपी कराने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है

कोर्ट के तर्क :

  • कोर्ट ने शिक्षा के अधिकार को व्यक्तिगत अधिकार के ऊपर का दर्जा दिया है।
  • कोर्ट ने फोटोकॉपी करके पढ़ाई में उपयोग करने को ‘फेयर यूज’ माना है।
  • अदालत ने कहा कि कॉपीराइट परमात्मा नहीं है और शिक्षा एक महत्वपूर्ण सामाजिक जरूरत है। पढ़ाई से छात्र लोगों को न्याय दिलाना सीखते हैं, लेकिन आज न्याय प्रणाली ने शिक्षा के साथ न्याय किया है।
  • इसका काम ज्ञान के विस्तार में बाधा डालना कतई नहीं है. इसे लेखक की रचनात्मक कला को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है.
  • पीठ ने कहा कि किताब के महत्वपूर्ण भाग का फोटोस्टेट करना कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जा सकता. अगर छात्रों को फोटोस्टेट कराने की इजाजत नहीं दी गई तो उन्हें लंबा समय लाइब्रेरी में बैठकर केवल नोट्स बनाने पर ही व्यर्थ करना पड़ेगा. आज के समय में जब आधुनिक तकनीक उपलब्ध है, ऐसे में छात्रों को इसके लाभ से वंचित रखना गलत होगा. किसी भी कानून की व्याख्या हमें पीछे धकेलने वाली नहीं हो सकती है.
  • कॉपीराइट एक्ट 1957 के तहत शिक्षा सहित किसी अन्य अच्छे उद्देश्य के लिए किताबों की फोटोकॉपी करवाना कॉपी राइट का उल्लंघन नहीं है और copyright  law के  Section 52(1)(i) के तहत यह छूट प्राप्त है और बस सुचना उद्ध्योगिकी में उन्नति होने से यह अधिकार समाप्त नहीं किया जा सकता |
  • copyright एक प्राकृतिक अधिकार नहीं है वरन legislature द्वारा प्रदत अधिकार ही है जिसने स्वयं यह छूट    Section 52(1)(i) के तहत दी है 
  • कॉपीराइट का मतलब किसी चीज को पूरी तरह अपने अधिकार में कर लेना नहीं है. पीठ ने कहा कि साहित्यिक कामों से जुड़ा कॉपीराइट कोई अटल वचन या प्राकृतिक अधिकार नहीं है. कॉपीराइट एक्ट ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कानून है.

what  is   Section 52(1)(i)

It allows for the reproduction of any work

i) by a teacher or a pupil in the course of instruction; or

ii) as part of the questions to be answered in an examination; or

iii) in answers to such questions.

व्यापक रूप में फैसले का महत्त्व

इस फैसले के बाद अब डीयू में पढ़ने वाले छात्रों को पुस्तकों की प्रतियां करवाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और उनकी पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। इतना ही नहीं इस फैसले का असर व्यापक स्तर पर भारत में कॉपीराइट कानून पर पड़ेगा।  

प्रकाशको के तर्क :

 यूनिवर्सिटी प्रेस, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस और टेलर तथा फ्रांसिस प्रेस ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय की मिलीभगत से रामेश्वरी फोटोकॉपी सर्विस कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन कर रहा है जिससे उनको बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हो रहा है।

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