केंद्र और दिल्ली के बीच अधिकारों का मामला संविधान पीठ को

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ आप सरकार की याचिकाओं को बुधवार को संविधान पीठ को सौंप दिया, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली एक राज्य नहीं है और इसका प्रशासनिक मुखिया उपराज्यपाल है। जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की पीठ ने कहा कि मामले में कानून और संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल निहित हैं और इसलिए इसका निर्णय संविधान पीठ को करना चाहिए।

  • कोर्ट ने संविधान पीठ के विचार के लिए कोई कानूनी प्रश्न तय नहीं किए हैं।
  • कोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले को मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया जाए, ताकि वे सुनवाई के लिए जल्दी संविधानपीठ का गठन कर सकें।
  •  पीठ ने फिलहाल मामले में अंतरिम आदेश देने से भी इन्कार कर दिया और कहा कि पक्षकार इसके लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का जिक्र कर अपनी मांग रख सकते हैं।
  • दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं।
  • दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मूल वाद दाखिल करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 239एए की सही व्याख्या नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट को तय करना चाहिए कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को क्या अधिकार है।
  • साथ ही कोर्ट दिल्ली के प्रशासनिक कामकाज में केन्द्र सरकार को दखल देने से रोके।
  • केन्द्र सरकार की दलील है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है दिल्ली के प्रशासनिक मुखिया उपराज्यपाल हैं।’

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