सुगम्य भारत अभियानः विकलांग व्यक्तियों हेतु सुगम्य वातावरण का सृजन

लक्ष्य और विचारः-
- देश के 26 मिलियन विकलांगों को विकास की आम धारा में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार बेहद महत्वपूर्ण योजना है। 
- सरकार ने विकलांग व्यक्तियों हेतु सार्वभौमिक सुगम्यता प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी फ्लैगशिप अभियान सुगम्य भारत अभियान की शुरूआत की है, जो समावेषी समाज में, विकलांग व्यक्तियों को समान अवसर तथा स्वतंत्र जीवन यापन और जीवन के सभी क्षेत्रों में भागीदारी करने के लिए सक्षम बनाने में मदद करेगा।

- इस योजना के तहत समूचे देश के तमाम राज्यों और शहरों से संबद्ध सरकारी भवनों और सड़क पर सरपट दौड़ने वाले सार्वजनिक परिवहनों और तमाम वेवबसाइटों सहित संचार क्षेत्र में इस तरह से परिवर्तन किए जाएंगे ताकि अशक्त एवं विकलांग जन भी इसे आसानी से अपने उपयोग में ले सके। 
- केंद्र ने अपनी इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए शुरुआती तौर पर 48 शहरों को चिन्हित किया है, जहां से इस योजना की पहल की जाएगी।

क्या है अभियान का उद्देश्य?
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार चाहती है कि तमाम सरकारी भवनों, सड़कों, सड़क परिवहन की सुविधाओं, स्कूल परिसरों के भीतर एवं बाहर की सुविधाओं के साथ साथ अस्पताल और घरों में भी निशक्त जनों के लिहाज से माहौल तैयार किया जाए ताकि वो खुद को भी विकास की धारा में खड़ा पाएं और खुद को किसी से कमजोर न आंक पाएं।

- एक समावेशी समाज में विकलांग व्यक्तियों की समान अवसरों तक पहुंच सुनिश्चित करने और आत्मनिर्भरपूर्वक रहने तथा जीवन के सभी क्षेत्रों में पूर्ण रुप से भाग लेने में उन्हें सक्षम बनाने हेतु, उनकी सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है।

=> कैम्पेन का सबसे मुख्य उद्देश्य है समूचे भारत को सुगम्य अर्थात एक्सेसेबल बनाना।

- अभियान में तीन प्रमुख वर्टीकल को टारगेट किया जाएगा। 
१. बिल्ट एन्वायरमेंट अर्थात बुनियादी ढांचा। 
२.सार्वजनिक परिवहन और 
३. सूचना और संचार तकनीक। 
इन तीनों क्षेत्रों में सुधार के बाद भारत को सुगम्य बनाया जा सकता है जिसमें किसी भी प्रकार की विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति सहज रूप से अपना जीवन जी सकता है।

=>विजनः-
· अभियान का विजन एक समावेषी समाज की परिकल्पना है जिसमें विकलांग व्यक्तियों की उन्नति तथा विकास के लिए उत्पादक, सुरक्षित तथा गरिमामय जीवन के लिए समान अवसर तथा सुगम्यता प्रदान की जाती है।

=>"विकलांग जनों को क्या फायदा?
- हालांकि मेट्रो शहरों में निशक्त एवं विकलांग जनों को कुछ बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन इस योजना का उद्देश्य यह है कि देशभर के कोनों कोनों में रह रहे विकलांग लोगों को बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं जो उनके भीतर अधिकारों से वंचित रह जाने की भावना का संचार न होने दे।

=>इंटरनेट दुनिया से भी विकलांगो को जोड़ने की पहल-
- विकलांग भी इंटरनेट की दुनिया से वाकिफ हो जाएं इसलिए सरकार चाहती है कि वो कुछ वेबसाइट्स पर ऐसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएं जो नेत्रहीनों के लिए भी काम की हों और वो भी उनकी फायदा उठा सकें।

***अगर कोई नेत्रहीन व्यक्ति जनरल नॉलेज या देश दुनिया के समाचारों से दो चार होना चाहता है तो उसे भी ऑडियो माध्यम से वो तमाम जानकारियां पता चल जाएं।

=>"कौन-कौन हैं स्टेक होल्डर?
- सुगम्य भारत अभियान महज एक तबके पर केंद्रीत अभियान न होकर समूचे समाज के हित में बनाया गया अभियान है। इसे सफल बनाने के लिए सरकार, कॉर्पोरेट दुनिया, अर्कीटेक्ट, संचार विशेषज्ञों, इंजीनियरों सहित सभी नागरिक इसके स्टेकहोल्डर माने गए हैं।

नोट:- विश्व निःशक्तता रिपोर्ट-2011 के अनुसार, विश्व में लगभग 1 अरब लोग किसी न किसी प्रकार की विकलांगता के शिकार हैं। भारत में निःशक्तजनों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 6 प्रतिशत है।

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