माइक्रोबीड्स या माइक्रो प्लास्टिक

Why in news:

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सौंदर्य प्रसाधनों और शारीरिक देखभाल के उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले माइक्रो प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि माइक्रो प्लास्टिक का इस्तेमाल जलीय जीवन और पर्यावरण के लिए खतरनाक है।

Where are they used:

  • सौंदर्य प्रसाधनों में माइक्रो प्लास्टिक का जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
  • साबुन, टूथपेस्ट, फेसवॉश, हैंडवॉश, बॉडीवॉश और स्क्रब जैसे उत्पादों में इनका उपयोग हो रहा है।
  • कई कंपनियां अपने उत्पादों के बारे में दावा करती हैं कि वे जौ, अंजीर और अखरोट आदि का उपयोग कर रही हैं, मगर इनसे कई गुना ज्यादा मात्र में प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं। 

What are these:

माइक्रोप्लास्टिक दरअसल प्लास्टिक या फाइबर के वे टुकड़े हैं, जो आकार में बहुत छोटे होते हैं और संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, ये जलीय जीवन और पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं। माइक्रोप्लास्टिक पांच मिलीमीटर से भी कम आकार के प्लास्टिक या फाइबर के टुकड़े होते हैं। निजी देखभाल के उत्पादों में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक या माइक्रोबीड्स हमेशा एक मिलीमीटर से भी छोटे होते हैं।

microplastics

source: https://usercontent2.hubstatic.com/13041875.jpg

Why demand for restriction:

प्लास्टिक के एक से पांच एमएम तक के बेहद छोटे टुकड़े होने की वजह से ये नाली से होते हुए जल स्नोत में मिल जाते हैं और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। दुनिया भर में इन पर प्रतिबंध की मांग की जा रही है।

What is NGT (National Green Tribunal) 

  • पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार के प्रवर्तन तथा व्यक्तियों एवं संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता और क्षतिपूर्ति देने या उससे संबंधित या उससे जुड़े मामलों सहित, पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्रगामी निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के अंतर्गत 18.10.2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गई.
  • यह एक विशिष्ट निकाय है जो बहु-अनुशासनात्मक समस्याओं वाले पर्यावरणीय विवादों को संभालने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता द्वारा सुसज्जित है.
  • अधिकरण, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया द्वारा बाध्य नहीं होगा, लेकिन नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाएगा.
  • अधिकरण को आवेदनों या अपीलों के प्राप्त होने के ६ महीने के अंदर उनके निपटान का प्रयास करने का कार्य सौंपा गया है.
  • आरंभिक रूप से, एनजीटी को पांच बैठक स्थलों पर स्थापित करना प्रस्तावित है और वह स्वयं को अधिक पहुंचयोग्य बनाने के लिए सर्किट प्रक्रिया का पालन करेगा.
  • अधिकरण की बैठक का प्रधान स्थल नई दिल्ली होगा तथा भोपाल, पुणे, कोलकाता तथा चेन्नई अधिकरण की बैठकों के अन्य 4 स्थल होंगे. 

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