★केरल के पुत्तिंगल देवी मंदिर में लगी भीषण आग की घटना मे यह बात सामने आई की प्रतिभागियों ने Potassium chlorate का इस्तेमाल किया था जो की एक banned विस्पोटक है ।
★पोटेशियम क्लोरेट 18 वीं सदी के अंत के दौरान फ्रांसीसी रसायनज्ञ क्लाड लुइस Berthollet द्वारा खोजा गया था |
★आतिशबाज़ी बनाने की विद्या में प्रयोग (Use in pyrotechnics)
आतिशबाज़ी बनाने की विद्या में यह प्रयोग करने का प्रमुख कारण भिन्न भिन्न रंग का पैदा करने के लिए होता है ।
- निहित जोखिम के बावजूद, क्योंकि यह सस्ता और आसानी से उपलब्ध है
=>यह कैसे काम करता है?
• पोटेशियम क्लोरेट बहुत शक्तिशाली ऑक्सीकरण की क्षमता है। ये डीकंपोज़ होके ऑक्सिजन उत्पन्न करता है।
• उत्पन्न ऑक्सीजन ईंधन की तरह काम करती है , जिससे आतिशबाजी के तापमान में और आगे वृद्धि होती है
• अतिरिक्त उत्पन्न heat रंग उत्पादक रसायन आतशबाज़ी इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित ((excites) करती है और इस तरह सुंदर रंग पैदा करता है।
=>नुकसान :-
- जब आतिशबाजी में प्रयोग किया जाता है तो पोटेशियम क्लोरेट का oxidising होना ही इसकी सबसे बड़ा नुकसान है । यह एक अंतर्निहित गुण बहुत प्रतिक्रियाशील है, खासकर जब सल्फर के साथ मिश्रित हो; पोटेशियम क्लोरेट - सल्फर मिश्रण खतरनाक तरीके से संवेदनशील हो जाता है और अनायास प्रज्वलित जाता है
- इसलिए, पोटेशियम क्लोरेट आतिशबाजी में इस्तेमाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है ।
=>सीमित उपयोग:-
- जोखिम के बावजूद, पोटेशियम क्लोरेट अपेक्षाकृत सुरक्षित है, यदि छोटी मात्रा में प्रयोग किया जाये।
- यह खिलौना बंदूकें में रेत और लाल फास्फोरस के साथ प्रयोग किया जाता है । जब बंदूक की एक धातु सिर के घेरे में आ जाती है, तो घर्षण से उत्पन्न लाल फास्फोरस ignites होता है। जलते लाल फास्फोरस द्वारा उत्पन्न heat पोटेशियम क्लोरेट का अपघटन (decomposition) होता है। पोटेशियम क्लोरेट द्वारा उत्पन्न ऑक्सीजन आगे लाल फास्फोरस के जलने मदद करता है जिसका अंतिम परिणाम ध्वनि है।
केरल अग्निकांड :- Potassium chlorate क्यों इसे प्रतिबंधित किया गया है? यह कैसे रंग पैदा करता है?