- भारत को अब जल्द स्वदेशी रूप से निर्मित एक सुपरकम्प्युटर मिलेंगे।
- ऐसा सरकार के 4500 करोड़ रुपये के नेशनल सुपरकम्प्युटिंग मिशन कार्यक्रम के तहत होगा जिसका उद्देश्य भारत को उन अभिजात देशों के वर्ग में शामिल करना है जिन्होंने इस क्षेत्र में प्रगति की है।
- इस परियोजना को ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कम्प्युटिंग’ संभाल रहा है जिसने भारत के पहले सुपरकम्प्युटर ‘परम’ का निर्माण किया था।
- सरकार ने गत वर्ष मार्च में ‘नेशनल सुपरकम्प्युटिंग मिशन’ की योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत अगले सात वर्षों में 80 सुपरकम्प्युटरों का निर्माण किया जाएगा।
- इनमें से कुछ आयातित होंगे और बाकी का निर्माण स्वदेशी रूप से किया जाएगा।’
- वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं कि इनका गर्म होन कैसे नियंत्रित किया जाए। इन सुपरकम्प्युटरों को चलाने का खर्च ही करीब एक हजार करोड़ रुपये होगा।’
- नये सुपरकम्प्युटरों को देशभर में अलग-अलग संस्थानों में रखा जाएगा।
=>सुपर कंप्यूटर के उपयोग क्या- क्या है :-
- ‘एक सुपरकम्प्युटर का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जैसे जलवायु मॉडलिंग, मौसम पूर्वानुमान, नाभिकीय उर्जा में , दवाओं की खोज आदि।’
- वर्तमान में विश्व की शीर्ष सुपरकम्प्युटिंग मशीनों में से एक बड़ा हिस्सा अमेरिका, जापान, चीन और यूरोपी संघ के पास है।