- पश्चिम बंगाल के कोलकाता और मध्यप्रदेश समेत देश के कुछ हिस्सों से शनिवार दोपहर सूर्य लाल और नीले वलय में घिरा नजर आया।
- इस खगोलीय परिघटना को ‘22 डिग्री सकरुलर हलो’ के नाम से जाना जाता है।
- क्यों होता है यह: ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं| इस तरह के बादल सामान्य तौर पर तब बनते हैं जब पृथ्वी की सतह से पांच से दस किलोमीटर उंचाई पर जलवाष्प बर्फ के क्रिस्टलों में जम जाती है.
- ठंडे देशों में यह आम घटनाक्रम है, और इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता.