- क्या है यह चांद की सतह पर बने टैटू जैसी आकृति वाले विशाल गहरे और चमकीले भंवर को ल्यूनर स्विल्स के नाम से जाना जाता है । दस-दस किलोमीटर तक फैली ये आकृतियां समूह या अलग-अलग रूपों में मौजूद है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार चांद की सतह पर बने टैटू जैसी आकृति वाले विशाल गहरे और चमकीले भंवर चुंबकीय क्षेत्र और सौर आंधी के खेल से निर्मित हुए है।
- क्या था पहले विचार: पहले माना जाता था कि चांद पर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र जिन हिस्सों की आबोहवा को नुकसान पहुंचाने से बचा लेता है, वे चमकीले हो जाते हैं। सैकड़ों वोल्ट का अति शक्तिशाली विद्युत क्षेत्रनासा के वैज्ञानिक बिल फरेल के मुताबिक चांद का चुंबकीय क्षेत्र धरती के चुंबकीय क्षेत्र से 300 गुना हल्का होता है। इसलिए वैज्ञानिकों को भरोसा नहीं था कि ये सौर आंधी से चांद की सतह की हिफाजत कर सकते हैं।
- नई खोज: वैज्ञानिकों के मुताबिक हो सकता है कि उपग्रह पर आने वाले अतिसूक्ष्म धूमकेतु से निकले पदार्थो से ये भंवर बने हों। चुंबकीय क्षेत्र में सौर आंधी के कण आने से भी इनका निर्माण हो सकता है। इन धूल कणों की संवेदनशीलता चुंबकीय क्षेत्र के प्रति अलग-अलग होती है, इसलिए कुछ हिस्से हल्के और कुछ गहरे रंग के बन जाते हैं। नए मॉडल में दिखाया गया है कि जब सौर आंधी इस चुंबकीय क्षेत्र से गुजरती है तो सैकड़ों वोल्ट का अति शक्तिशाली विद्युत क्षेत्र बनता है, जो सौर आंधी के कणों को रोक या मोड़ देता है। इससे चुंबकीय क्षेत्र चांद की सतह की हिफाजत करता है और कुछ क्षेत्र चमकीले हो जाते हैं।