- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक भारत में महिलाओं ने वित्तीय मामलों में लंबी छलांग लगाई है।
- 53 प्रतिशत महिला आबादी के पास अब बैंक अकाउंट है। एक दशक पहले यह आंकड़ा केवल 15 प्रतिशत था।
- इस स्टडी में खुलासा हुआ कि महिलाओं के बचत खातों की संख्या, घर खरीदने और घरेलू मामलों में फैसला लेने में बढ़ोत्तरी हुई है।
- इस डाटा में यह भी सामने आया कि शादीशुदा महिलाओं के साथ हिंसा में भी कमी आई है।
- वैवाहिक जीवन में हिंसा झेल रही महिलाओं का प्रतिशत 37.2 से घटकर 28.8 प्रतिशत हो गया है।
- सर्वे में यह भी पता चला कि गर्भावस्था के दौरान केवल 3.3 प्रतिशत को ही हिंसा का सामना करना पड़ा। यह सूचक बताता है कि जागरूकता और सामाजिक सुधार बढ़ा है।
- बैंक अकाउंट वाली महिलाओं में 38 प्रतिशत छलांग के साथ यह भी सामने आया है कि 15 से 49 साल की उम्र में 84 प्रतिशत शादीशुदा महिलाएं घरेलू फैसलों में हिस्सा ले रही है। इससे पहले 2005-06 में यह आंकड़ा 76 प्रतिशत था।
- डाटा में पता चलता है कि 38.4 प्रतिशत महिलाएं अकेली या किसी के साथ संयुक्त रूप से घर या जमीन की मालकिन हैं।