- सरकारी नौकरियों में अशक्तों की संख्या तीन प्रतिशत से भी कम है।
- SC ने सरकार को निर्देश देते हए कहा है की वह ग्रुप ए और ग्रुप बी में सभी चिह्न्ति पदों पर अशक्त लोगांे को तीन प्रतिशत आरक्षण दे।
- कोर्ट ने कहा है कि चाहे किसी भी प्रक्रिया से ऐसे पदों को क्यों न भरा जा रहा हो, आरक्षण देना जरूरी है।
- पीठ ने कहा कि यह जिक्र करना निराशाजनक है कि अशक्तता (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 के लागू होने के कई साल बाद भी अशक्त लोगों की संख्या सरकारी सेवाओं में कम है
- कार्मिक विभाग का आदेश जो SC ने रद्द किया : पीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दो ज्ञापनों को अवैध करार देते हुए यह व्यवस्था दी। इन ज्ञापनों को फरवरी 1997 और दिसंबर 2005 में जारी किया गया था। इनके जरिए विभिन्न पदों पर तीन प्रतिशत कोटा के सांविधिक फायदे से इनकार किया गया था,जिन्हें अशक्तों के लिए आरक्षित किया जा सकता था और जो ग्रुप ए और ग्रुप बी सेवाओं के तहत आते थे।