- भारत में बौद्धिक संपदा के भावी रोडमैप तैयार करने में सहायता के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को मंजूरी दे दी।
- इस कदम से भारत में रचनात्मक और अभिनव (इनोवेटिव) ऊर्जा के भंडार को प्रोत्साहन मिलेगा तथा सबके बेहतर और उज्जवल भविष्य के लिए इस ऊर्जा का आदर्श इस्तेमाल संभव होगा।
क्या है इस नीति में :
- इसके तहत अगले साल से ट्रेडमार्क का एक माह में पंजीकरण हो सकेगा।
- इस नीति से प्रत्येक व्यक्ति को अपना उत्पाद अपने ब्रांड के तहत बेचने का अधिकार मिलेगा और किसी को अपने उत्पाद पर 20 साल का पेटेंट मिलेगा। पेटेंट में कोई बड़ा बदलाव किया जाता है तो उसे 20 साल से आगे बढ़ाया जाएगा, अन्यथा संबंधित उत्पाद पर से उस व्यक्ति का पेंटेट समाप्त हो जाएगा।
- इसमें फार्मा क्षेत्र के पेटेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस नीति की मदद से सरकार के साथ अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संगठनों, शिक्षा संस्थानों, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उपक्रमों, स्टार्ट अप और अन्य हितधारकों को शक्ति संपन्न किया जाएगा ताकि वे अभिनव तथा रचनात्मक वातावरण का विकास कर सकें।
- देश में बौद्धिक संपदा को लेकर विकसित देशों के मुकाबले कम जागरुकता है और इसे प्रोत्साहित करने में यह नीति मदद करेगी।
- राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति एक विजन दस्तावेज है जिससे समस्त बौद्धिक संपदाओं के बीच सहयोग संभव बनाया जाएगा।
- इसके अलावा संबंधित नियम भी तैयार किये जाएंगे।
- इस नीति के तहत इस बात पर बल दिया गया है कि भारत बौद्धिक संपदा संबंधी कानूनों को मानता है और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए यहां प्रशासनिक तथा न्यायिक ढांचा मौजूद है।
नीति के सात उद्देश्य
- . आईपीआर के बारे में जागरुकता
- . आईपीआर के लिए प्रोत्साहन
- . सख्त एवं प्रभावी कानून की जरुरत
- . प्रवर्तन तथा न्याय प्रणाली को मजबूत करना
- . स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा तक पहुंच के लिए प्रोत्साहन
- . कार्यान्वयन, निगरानी और समीक्षा के लिए संस्थागत प्रणाली
क्या है लक्ष्य
यह भारत में बौद्धिक संपदा के लिए भावी खाका तैयार करेगा। इसका लक्ष्य है भारतीय परिप्रेक्ष्य में वैश्विक स्तर पर प्रचलित बेहतरीन कार्य-व्यवहार को लागू करना और उसे अनुकूल बनना। आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस नीति से सरकार, अनुसंधान एवं विकास संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, एमएसएमई, स्टार्ट-अप समेत कॉर्पोरेट इकाइयों और अन्य संबद्ध पक्षों को नवोन्मेष-अनुकूल माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी।
क्या होगा फायदा
- . स्टार्टअप व आंत्रप्रनरशिप को मिलेगा बढ़ावा
- . नीति से देश में रचनात्मकता को प्रोत्साहन
- . ट्रेडमार्क पंजीकरण की अवधि कम होकर होगी एक महीने
क्या है बौद्धिक संपदा अधिकार : बौद्धिक संपदा किसी ज्ञान या उत्पाद का सृजन है, जिस पर कोई व्यक्ति कानून के मुताबिक एकाधिकार होने का दावा करता है। क्या -क्या शामिल है इसमें :
- ट्रेडमार्क
- कॉपीराइट
- पेटेंट
- इंडस्ट्रियल डिजाइन राइट्स और
- ट्रेड सीक्रेट्स
संगीत, साहित्य समेत सभी कलात्मक कार्य, खोज, आविष्कार, डिजाइन पर ये अधिकार हासिल किए जाते हैं।