- धीरे-धीरे ही सही, लेकिन देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वेक्षण में पाया कि 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 40 फीसद से अधिक महिलाओं के पास संपत्ति है या संपत्ति में उनका हिस्सा है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण "एनएफएचएस-4" के तहत 2015-16 के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वेक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है।
- इसमें जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण पर जानकारी मिलने के अलावा महिला सशक्तीकरण के बेहतर संकेत देखे गए।
- महिलाओं की अपनी संपत्ति और गर्भवती महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसी चीजों पर स्थिति का आकलन करने के लिए कुछ नए घटकों को जोड़ा गया है। सर्वेक्षण में महिलाओं के उत्थान में सकारात्मक प्रगति पाई गई।
**सर्वेक्षण में बिहार शीर्ष स्थान पर है।
- यहां 58.8 फीसद महिलाओं के पास अपनी संपत्ति है। इसके बाद दूसरे स्थान पर मेघालय और त्रिपुरा है, जहां 57.3 फीसद महिलाओं की अपनी संपत्ति है। कर्नाटक में इनकी संख्या 51.8 फीसद और तेलंगाना में 50.5 फीसद है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का कहना है कि निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी के मामलों की संख्या सरकारी संस्थानों की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। सर्वेक्षण के आंकड़े दिखाते हैं कि कई राज्यों में तो निजी अस्पतालों और सरकारी केंद्रों में यह अंतर बहुत ज्यादा है।
- शहरी त्रिपुरा के निजी अस्पतालों में 87.1 प्रतिशत शिशुओं का जन्म आपरेशन के जरिये हुआ। दूसरी तरफ सरकारी केंद्रों में सीजेरियन डिलीवरी की संख्या कुल मामलों की 36.4 प्रतिशत थी। बिहार के सरकारी अस्पतालों में महज पांच प्रतिशत डिलीवरी सीजेरियन विभाग में हुईं जबकि वहीं निजी अस्पतालों में यह प्रतिशत 37.1 रहा।