- एशिया से सबसे ज्यादा प्रवासी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अमेरिका भेजने के मामले में भारत शीर्ष पर कायम है.
- अमेरिका महाद्वीप में इस तरह के कुल 29 लाख 60 हजार पेशेवरों में से तकरीबन नौ लाख 50,000 भारत से हैं.
- एक नयी रिपोर्ट में शोधार्थियों ने बताया कि वर्ष 2003 से 2013 के बीच अमेरिका में रहने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की संख्या दो करोड़ 16 लाख से बढ़कर दो करोड़ 90 लाख हो गई. इन दस सालों में प्रवासी वैज्ञानिक एंव इंजीनियरों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी आई और इनकी संख्या 34 लाख से बढ़कर लगभग 52 लाख हो गई.
- वर्ष 2013 में अमेरिका में रहने वाले प्रवासी वैज्ञानिक और इंजीनियरों में से लगभग 57 प्रतिशत का जन्म एशिया में, 16 प्रतिशत का यूरोप में और छह प्रतिशत का अफ्रीका में, 20 प्रतिशत का उत्तरी अमेरिका (संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर), मध्य अमेरिका, कैरिबियन या दक्षिणी अमेरिका में और एक प्रतिशत से भी कम लोगों का जन्म ओसियानिया में हुआ.
- एशियाई देशों से संबद्ध प्रवासी वैज्ञानिक और इंजीनियरों में सबसे ज्यादा लोगों का जन्म भारत में हुआ और एशियाई लोगों के कुल 29 लाख 60 हजार वैज्ञानिक-इंजीनियरों में से साढ़े नौ लाख लोगों का जन्म भारत में हुआ.
- अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के नेशनल सेंटर फॉर साइंस एंड इंजीनियरिंग स्टैटिक्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2003 के मुकाबले 2013 में भारत के प्रतिनिधित्व में 85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गई है.
?? सुलगते सवाल:- आईआईटी, IIMs से पढने के बाद अधिकतर स्नातक अपना कैरियर बनाने के लिए अमेरिका या पश्चिमी यूरोप को पलायन कर जाते हैं, जबकि सरकार IITs और IIMs जैसे संस्थानों में पढने के लिए प्रति स्टूडेंट लाखों रूपये सब्सिडी देती है..!! क्या इन सो कॉल्ड आईआईटीयंस का अपने देश/ मात्रभूमि के प्रति कोई नैतिक कर्तव्य नहीं बनता?