बाल अपराध : असुरक्षित बचपन

क्यों खबरों में

दो दिनों में दो मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं चिंतित करने वाली हैं। पहले केशवपुरम में एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी जाती है और उसके अगले दिन सराय रोहिल्ला में भी एक बच्ची को दरिंदगी का शिकार बनाकर उसे मरने के लिए गड्ढे में फेंक दिया जाता है। इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि राजधानी बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित हो गई है। 

एक नजर आंकड़ो पर : बाल अपराध रोकने में नाकाम समाज

  • इस वर्ष अक्टूबर महीने तक दिल्ली से 5888 बच्चे गायब हुए हैं लेकिन इनमें से मात्र 1787 बच्चों को ही पुलिस child-crimeढूंढ सकी है।
  • बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने की तमाम योजनाएं बनाने, समिति व आयोग के गठन के बावजूद राजधानी में देश का भविष्य सर्वाधिक असुरक्षित है।
  • नाबालिगों से देह व्यापार से लेकर बच्चों की खरीद-फरोख्त का काम भी बेरोकटोक जारी है।
  •  दिल्ली की यह स्थिति तब है जब यहां बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस एवं सरकार दोनों स्तरों पर तमाम तरह की योजनाएं संचालित होती हैं। 
  • इस उम्र के लगभग 25 से 30 करोड़ तक के बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जाती है

समीक्षा करने की जरुरत:

 कई स्वयंसेवी संस्थाएं व सरकारी संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं। इसके बावजूद बच्चों के साथ अपराध की घटनाएं बढ़ने से इन संस्थाओं के कामकाज और योजनाओं पर सवाल खड़ा होता है। इसलिए बाल सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थाओं के कामकाज और योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए।

  • बच्चों से होने वाले अपराधों को रोकने के लिए जहां कठोर कानून बनाने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
  • समाज को भी जागरूक होना होगा। मासूमों को सबसे ज्यादा खतरा घर, आस-पड़ोस और रिश्तेदारों से होता है।
  • बच्चों के शारीरिक शोषण से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए बनी पॉक्सो अदालतों में तेजी से ट्रायल नहीं हो रहा है। इससे अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं। इस बाबत जनहित याचिका भी लगाई गई है। इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा।
  • बच्चों को यौन शोषण जैसे अपराधों से बचाने के लिए पुलिस, बाल आश्रम और अस्पतालों में रहने वाले कर्मचारियों को संवेदनशील बनाना होगा, साथ ही माता-पिता को बच्चों को पर्याप्त वक्त देने के साथ ही संदिग्ध व्यवहार वाले लोगों से बच्चों को दूर रखना चाहिए।
  • बच्चों को अपरिचित लोगों के साथ खेलने, शादी समारोह में किसी परिचित के साथ अकेले जाने और घर से बाहर जाने से रोकना चाहिए। ऐसे मामलों में आरोपी चाहे कोई भी इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए।

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