- संयुक्त राष्ट्र संघ के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ‘यूनेस्को’ ने अपनी प्रतिष्ठित मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में कुम्भ के मेले को शामिल कर लिया है.
=>अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के दायरे में क्या- क्या:-
- यूनेस्को के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के दायरे में मौखिक परंपराओं और अभिव्यक्तियों, प्रदर्शन कलाओं, सामाजिक रीतियों-रिवाजों और ज्ञान इत्यादि को ही सम्मिलित किया जाता है.
- यूनेस्को ने भारत की सांस्कृतिक विरासत योग और नवरोज को भी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है. इस तरह कुंभ मेले और योग समेत भारत की कुल 14 धरोहर मसलन छाऊ नृत्य, लद्दाख में बौद्ध भिक्षुओं का मंत्रोच्चारण, संकीर्तन-मणिपुर में गाने-नाचने की परंपरा, पंजाब में ठठेरों द्वारा तांबे व पीतल के बर्तन बनाने का तरीका और रामलीला इत्यादि यूनेस्को की सूची में शामिल हो चुकी हैं.
- यूनेस्को ने कुंभ मेले को अपनी सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल करने का जो तक दिया है, उसके मुताबिक प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगने वाला कुंभ मेला धार्मिक उत्सव के तौर पर सहिष्णुता और समग्रता को रेखांकित करता है.
- कुंभ की सारगर्भित महत्ता, भव्यता और पवित्रता के परिप्रक्ष्य में ही ‘यूनेस्को’ ने इसे अपनी प्रतिष्ठित मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल कर इसके महत्त्व को दुनिया भर में स्थापित किया है।