This article discusses about Ballistic missile defence syystem of India.
भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने बेहद कम ऊंचाई से आने वाली दुश्मन देश की किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही तबाह करने में सक्षम मिसाइल का निर्माण करने में सफलता पा ली है।
स्वदेशी रूप से विकसित इस ‘Advance Air defence (ए.ए.डी.) सुपर सोनिक इंटरसैप्टर मिसाइल’ का ओडिशा में बालासोर के निकट चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आई.टी.आर.) से सफल परीक्षण किया गया। प
रीक्षण के लिए चांदीपुर में आई.टी.आर. के ‘प्रक्षेपण केंद्र 3’ से एक मिसाइल दागी गई जिसे नष्टï करने के लिए ट्रैकिंग राडारों पर सिग्नल मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप पर तैनात ए.ए.डी. इंटरसैप्टर मिसाइल आगे बढ़ी और धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्वक निशाना बनाकर उसे हवा में नष्ट कर दिया गया।
ध्वनि से 5 गुणा तेज रफ्तार वाली और 2000 कि.मी. दूर से आती दुश्मन की मिसाइल को नष्ट करने के लिए डी.आर.डी.ओ. द्वारा विकसित इस ए.ए.डी. सुपर सोनिक इंटरसैप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारत अब इस तरह की क्षमता प्राप्त करने वाला विश्व में चौथा देश हो गया है। इससे पूर्व यह क्षमता अमरीका, रूस तथा इसराईल के पास ही थी।
यह 7.5 मीटर लम्बी सिंगल स्टेज सॉलिड रॉकेट प्रोपैल्ड गाइडेड मिसाइल है जोकि हाईटैक कम्प्यूटर तथा इलैक्ट्रो मैकेनिकल एक्टिवेटर वाली दिशा निर्देशन प्रणाली से लैस है। 1.2 टन वजन तक विस्फोटक ढोने की क्षमता वाली इस अत्याधुनिक इंटरसैप्टर मिसाइल का अपना मोबाइल लांचर, सुरक्षित डाटा लिंक, स्वतंत्र ट्रैकिंग और परिष्कृत राडार है। पुरातनकाल के चमत्कारिक युद्ध अस्त्रों की परिकल्पना को आज विश्व भर के वैज्ञानिक साकार कर रहे हैं। इसी शृंखला में भारत के डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिकों ने यह एडवांस्ड एयर डिफैंस सुपर सोनिक इंटरसैप्टर मिसाइल तैयार की है जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं और यह मिसाइल भारत की प्रतिरक्षा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी।