खतरा टला नहीं (challenge of isis)

 

आतंकवाद की समस्या पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशों के बाद भी दुनिया को इससे छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। एक तरफ आईएस जैसे संगठन की कमर टूट गई है तो दूसरी तरफ अल कायदा के फिर से मजबूत होने की खबरें आ रही हैं। हमारे लिए यह खास तौर से चिंता की बात है क्योंकि वह भारत को निशाना बनाना चाहता है।

  • संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आतंकी समूह का नया संस्करण ‘अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट’ (एक्यूआईएस) यानी ‘भारतीय महाद्वीप में अल-कायदा’ नामक आतंकी गुट भारत में हमले करने की फिराक में है। यह अलग बात है कि भारत में सुरक्षा के बेहतर उपायों के कारण वह हमला नहीं कर पा रहा है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति को सौंपी गई विश्लेषणात्मक सहयोग एवं प्रतिबंध निगरानी दल की 22वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पर हमला उसकी सैद्धांतिकी का हिस्सा है यानी वह उसका वैचारिक अजेंडा है
  • रिपोर्ट के अनुसार अल-कायदा अब भी दक्षिण एशिया में मौजूद है और स्थानीय लोगों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है।
  • इस गुट के तालिबान के साथ काफी करीबी रिश्ते हैं। फिलहाल इसकी ताकत का असर अफगानिस्तान के कई इलाकों में देखा जा सकता है। स्थानीय लोगों के साथ घुलने-मिलने वाली बात वाकई अहम है क्योंकि अगस्त के पहले ही हफ्ते में जम्मू पुलिस ने कश्मीर के रहने वाले अरफान हुसैन वानी नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसके अल कायदा से जुड़े होने का शक है। पिछले साल दिसंबर में कश्मीर में अल-कायदा के एक ग्रुप ने एक विडियो जारी कर भारत के मुसलमानों को जिहाद करने का आह्वान किया था। पता नहीं जम्मू-कश्मीर या देश के अन्य हिस्सों में इस संगठन के कितने लोग सक्रिय हैं।

 ऐसा लगता है कि जब पूरी दुनिया का ध्यान आईएस की ओर लगा था, तभी अल कायदा ने चुपचाप अपने को नए सिरे से संगठित किया। इस साल फरवरी में संयुक्त राष्ट्र की ही एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि अल-कायदा (एक्यूआईएस) भारत और बांग्लादेश के दूर-दराज के इलाकों से लोगों की भर्ती कर रहा है। हमें अपनी सुरक्षा को चाक-चौबंद रखने के साथ-साथ आतंकवाद के खतरे के प्रति विश्व को सचेत करते रहने का काम जारी रखना होगा

#Navbharat_times

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