सैन्य खरीद के लिए विदेशों पर निर्भरता चार साल में पांच गुना
- सरकार द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर जोर देने के बाद भी इसका कोई व्यापक असर पड़ता हुआ नहीं दिखता.
- सैन्य साजो-सामान के लिए भारत की विदेशों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है.
- रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012-13 की तुलना में 2016-17 में इसमें करीब पांच गुना बढ़ोतरी हुई है.
- रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि भारतीय सेना को आवंटित रकम का एक बड़ा हिस्सा विदेशों से गोला, बारूद, बंदूकें और टैंक खरीदने में खर्च हुआ है.
- साल 2012-13 में विदेशों से रक्षा खरीद के लिए 988 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इसके चार साल बाद 2016-17 में यह आंकड़ा 5284 करोड़ रुपये पहुंच गया.