पूर्वोत्तर :-भारत का अभिन्न -अहम अंग

- इतिहास:-
आजादी के बाद भारतीय भूभाग में पूर्वोत्तर के तीन राज्य ही शामिल थे। मणिपुर और त्रिपुरा में राजशाही थी जबकि असम प्रांत अंग्रेजों के अधीन था। तब उसकी राजधानी शिलांग थी। आजादी के बाद चार अन्य राज्यों को असम के हिस्सों से नया बनाया गया।

:->शामिल राज्य~
अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और हिमालयी राज्य सिक्किम। इसमें सिक्किम को छोड़कर बाकी सातों राज्यों को सेवेन सिस्टर्स स्टेट के नाम से जाना जाता है। इस पूरे भौगोलिक क्षेत्र को पैराडाइज अनएक्सप्लोर्ड (अनदेखा स्वर्ग) कहा जाता है।

~ 1971 में नार्थ ईस्टर्न काउंसिल का गठन। नौ अगस्त, 1995 को नार्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड नामक संस्था गठित हुई। सितंबर, 2001 में अलग केंद्रीय मंत्रालय बना।

=>बढ़ती हिंसा:-
पूर्वोत्तर की फिजाएं बारूद की गंध से सराबोर थीं। ऐसे में सरकार का यह समझौता न केवल यहां पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मजबूती का आधार भी बनेगा। विभिन्न गुटों के चलते हिंसा में 2005 से लेकर 2015 तक करीब 5500 लोग मारे गए।

=>कमजोर कड़ी:-
पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को शेष भारत से पश्चिम बंगाल में एकमात्र सिलीगुड़ी गलियारा जोड़ता है। यह गलियारा 21 से 40 किमी तक चौड़ा है।

=>प्राकृतिक संसाधन:-
- क्षेत्र में ज्यादातर उद्योग चाय आधारित हैं। कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, सिल्क, बांस और हैंडीक्राफ्ट भी प्रमुख है। 
- यहां वनों का घनत्व सर्वाधिक है। बारिश अधिक होती है। पूरे क्षेत्र में वन्य जीव अभ्यारण्य, चाय के बागान और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियां हैं। एक सींग वाले गैंडे यहीं पाए जाते हैं।

=>सामरिक स्थिति:-
यह पूरा इलाका 4500 किमी से अधिक की अंतरराष्ट्रीय सीमा दूसरे देशों से साझा करता है। यह देश की कुल अंतरराष्ट्रीय सीमा का करीब 90 फीसद है। उत्तर में चीन (दक्षिण तिब्बत) से, पूर्व में म्यांमार से, दक्षिणपूर्व में बांग्लादेश से और उत्तर पश्चिम में भूटान से इसकी सीमाएं सटी हैं।

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