नागालैंड के कई अलगाववादी गुट सालों से भारत से अलग होने की मांग करते आये हैं. इन सभी गुटों ने मिलकर 31 जनवरी 1980 को नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड नाम का एक संगठन बनाया है, बाद में इस गुट में फूट पड़ गई और 30 अप्रैल 1988 को एनएससीएन खापलांग ने अपना अलग गुट बना लिया.
खापलांग का गुट नागालैंड का सबसे खतरनाक अलगाववादी गुट माना जाता है. ये गुट सालों से भारत से अलग होने की मांग पर अड़ा हुआ है. पिछले दिनों भारत सरकार ने नागालैंड में सक्रिय तमाम दूसरे अलगाववादी गुटों से बातचीत शुरू की और उन्हें शांति समझौता में शामिल किया.
दूसरे गुट तो सरकार के साथ समझौते वार्ता में शामिल हो गये लेकिन नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड के खापलांग गुट ने किसी तरह की शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया है. वो पहले की तरह भारतीय सैनिकों और गैर नागा लोगों पर हमला करता है.
ये गुट भारत से अलग ग्रेटर नागालैंड की बात करता है. इस गुट के ज्यादातर नेता नागालैंड से बाहर रहते हैं और वहीं से वो राज्यभर में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करते रहते हैं