अंतर्राष्ट्रीय संबंधो पर बनने वाले प्रश्न हमेशा से ही समसामयिक दृष्टिकोण पर आधारित होते है जिनमे व्यापक तौर पर उन पहलुओं से गठजोड़ होता जो ऐतिहासिकता की प्रासंगिकता और वर्तमान को केन्द्रित करते हुए भविष्य को समेकित करती है .ऐसा दृष्टिकोण हम केवल पाठ्यपुस्तक से नहीं अर्जित कर सकते है अपितु हमे सम्पादकीय अवश्य ही पढ़ना होगा ,आपकी इसी चिंता को दूर करने हेतु हमने इस विषय पर केन्द्रित सम्पादकीय का संकलन कर आपसे साझा कर रहे जो की अभी जून में होने वाली uppsc केलिए ही नहीं अपितु आने वाले अन्य परीक्षा हेतु भी बहु उपयोगी है |
DOWNLOAD PDF From