ताइवान और जर्मनी: कोरोना संकट से निपटने के लिए MODEL

इस समय कोरोना वायरस पर लगाम कसने को लेकर सबसे ज्यादा सराहना एशियाई देश ताइवान की हो रही है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कई यूरोपीय देश कोविड-19 से निपटने के लिए उससे सलाह ले रहे हैं. ताइवान की तारीफ की एक बड़ी वजह यह भी है कि उसके आगे अन्य देशों से अलग चुनौती थी. चीन जहां से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई, वह ताइबान से महज 81 मील की दूरी पर है. हर रोज लाखों लोग चीन से ताइवान आते-जाते हैं. ऐसे में इस महामारी को लेकर उसके आगे अन्य देशों से कहीं बड़ी समस्या थी.

  • लेकिन, ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति साई इंग-वेन द्वारा जल्द लिए गए फैसलों के चलते वह एक बड़े संकट से बच गया. वेन ने सबसे पहले समझदारी दिखाते हुए देश के उपराष्ट्रपति और जाने-माने महामारीविद चेन चिएन-जेन के हाथ में बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी.
  • बीते दिसंबर के मध्य में जब चीन के वुहान से उड़ते-उड़ते केवल यह खबरें ही आयी थीं कि एक नए तरह के बुखार ने शहर के कुछ लोगों को अपनी चपेट में लिया है, तभी से ताइवान के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस पर बैठकें शुरू कर दी थीं. इसके बाद 31 दिसंबर को जब चीन के वुहान से 27 लोगों को एक नए तरह का न्यूमोनिया होने की खबर दुनिया भर के अख़बारों में छपी तो इसके कुछ घंटे बाद ही ताइवान ने वुहान से अपने यहां आने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी. पांच जनवरी को ऐसे सभी लोगों के लिए फुल बॉडी चेकअप अनिवार्य कर दिया गया, जो बीते 15 दिनों के दौरान वुहान से आये थे. इन लोगों को कुछ दिनों के लिए निगरानी में भी रखा गया.
  • इसके बाद जनवरी के आखिरी सप्ताह में जब चीन में हालात बदतर हुए तो ताइवान की सरकार ने 26 जनवरी से चीन, मकाउ और हांगकांग से आने वाली उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लगा दी. सभी शहरों की सड़कों, सार्वजनिक स्थलों और जिन कंपनियों में अधिकांश कर्मचारी चीन के थे, उनके कार्यालयों को सेनिटाइज किया जाने लगा. ऐसी कंपनियों में युद्धस्तर पर कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट किये गए. करीब ढ़ाई करोड़ की आबादी वाले इस देश में हर किसी को मास्क मिल सकें, इसके लिए प्रति दिन एक करोड़ मास्क तक बनाये हैं. अफवाहों को रोकने के लिए कानून भी सख्त किए गए. फेक न्यूज पर 76 लाख रुपये का जुर्माना, मुनाफाखोरी के लिए सात साल तक की जेल या एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने की घोषणा की गई.

जर्मनी

  • जर्मनी में इतनी कम मृत्यु दर का सीधा श्रेय वहां की चांसलर एंगेला मर्केल को दिया जा रहा है जो 1989 से पहले तक एक रिसर्च साइंटिस्ट हुआ करती थीं. बीबीसी के मुताबिक भले ही जर्मनी में कोरोना का पहला संक्रमित फरवरी में सामने आया हो, लेकिन उन्होंने कोरोना संक्रमण को टेस्ट करने की तैयारी जनवरी में ही शुरू कर दी थी. इसके लिए उन्होंने बड़े स्तर पर टेस्टिंग किटों के उत्पादन का आदेश दे दिया था. 
  • जर्मनी ने बहुत पहले ही टेस्टिंग शुरू कर दी थी जिसका उसे लाभ मिला. ऐसे हल्के लक्षण वालों को बहुत जल्द ढूंढ लिया जो बाद में ज़्यादा बीमार पड़ सकते थे...पूरे देश में टेस्ट मुफ्त में किए गए जिसका फायदा ये हुआ कि जनता सामने आई और समय पर लोगों को इलाज मिला.’ संक्रमण ज्यादा न बढे इसके लिए जर्मनी ने ट्रेसिंग और ट्रैकिंग को भी टेस्टिंग के बराबर ही तरजीह दी.
  • जानकार जर्मनी की बेहतर स्वास्थ्य सेवा को भी इसका श्रेय देते हैं. दरअसल, जर्मनी ने समय रहते अपने यहां आईसीयू और बेड्स की संख्या बढ़ाने पर भी उतना ही ध्यान दिया. जनवरी में जर्मनी के पास वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड्स की संख्या 28 हज़ार ही थी, लेकिन अब ये संख्या बढ़कर 40 हजार के करीब पहुंच गई है. इसके अलावा आज वहां हर 1000 लोगों पर औसतन छह आईसीयू बेड्स हैं, जबकि फ़्रांस में ये औसत 3.1, स्पेन में 2.6 और ब्रिटेन में महज 2.1 ही है. जमर्नी की बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा के चलते ही आज वह फ्रांस और ब्रिटेन जैसे कई यूरोपीय देशों के कोरोना मरीजों का भी अपने यहां इलाज कर रहा है.
  • जर्मनी के इन सभी प्रयासों के बीच गौर करने वाली दो बातें और हैं: उसने खेल के मैदान, मॉल्स, चर्च और चिड़ियाघर जैसी जगहों पर प्रतिबंध जरूर लगाए लेकिन ताइवान की तरह उसने भी देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा नहीं की. जर्मनी में सभी सरकारी मंत्रालय एवं कार्यालय बंद दरवाज़ों के पीछे काम करते रहे. लोग उनसे टेलीफ़ोन पर संपर्क कर सकते थे. करीब आधी संख्या में ट्रेनें, ट्रामें, मेट्रो और बसें भी चलती रहीं. हालांकि, जर्मन सरकार ने महामारी से बचने के आपातकालीन नियमों की अनदेखी करने वालों को भारी जुर्माना और जेल की सज़ा की चेतावनी दी थी. इसके अलावा वह कोरोना वायरस का स्थायी हल ढूंढ़ने वालों की कतार में भी सबसे आगे है. वहां वैक्सीन से लेकर कोविड-19 का इलाज ढूंढ़ने तक का काम दुनिया के बाकी देशों से ज्यादा तेजी से चल रहा है.

 

Reference: https://satyagrah.scroll.in/

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