चीन ने तिब्बत से नेपाल के लिए खोला हाईवे, रणनीतिक रूप महत्वपूर्ण इस रोड का सैन्य उपयोग  भी संभव

China has opened road route to Nepal via Tibbet
इसका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। यह हाईवे भारत के लिए भी चिंता का सबब हो सकता है। 
    इस कदम के बारे में चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि इससे चीन आसानी से दक्षिण एशिया में प्रवेश करने में सक्षम होगा। 
    यह राजमार्ग तिब्बत की राजधानी ल्हासा को नेपाल सीमा पर स्थित झांगमू से जोड़ेगा। यह हाईवे एक ओर नेपाल सीमा से जुड़ता है तो दूसरी ओर से तिब्बत स्थित निंगची को जोड़ता है, जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बेहद निकट है। 
    यह हाईवे भारतीय सीमा के काफी करीब से होकर जाएगा। इस हाईवे को सेना के वाहन चल सकेंगे और सैन्य उद्देश्यों से विमानों के टेक ऑफ के लिए इसे रनवे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
    इस राजमार्ग का छोटा भाग इसे नेपाल सीमा से जोड़ता है। यह राजमार्ग नागरिक और सैन्य उद्देश्य से इस्तेमाल होने वाले हवाईअड्डे और तिब्बत के दूसरे सबसे बडे़ शहर के बीच की दूरी को आधा घंटा कम करेगा।
    इससे चीन दक्षिण एशिया में व्यापार और रक्षा के मसले पर अपनी पहुंच बढ़ा सकेगा। भौगोलिक रूप से दक्षिण एशिया तक सड़क या रेल संपर्क का कोई भी विस्तार भारत, भूटान और बांग्लादेश से हो कर जाएगा। चीन रेल नेटवर्क के जरिए भी नेपाल तक पहुंच बनाने की योजना पर काम कर रहा है। 
    यदि चीन दक्षिण एशिया तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है तो उसे भारत, भूटान और बांग्लादेश तक रोड और रेल कनेक्टिविटी से जोड़ना होगा। यह परियोजनाएं बेहद उपयोगी हैं और यदि नई दिल्ली से साथ आना चाहे तो इनसे भारत और चीन दोनों को मदद मिलेगी। 
रिपोर्ट के मुताबिक यह नया राजमार्ग शिगेज-ल्हासा रेलवे नेटवर्क के समानांतर चलता है और 5,476 किलोमीटर लंबे रूट के तहत शंघाई को नेपाल सीमा पर स्थित झांगमू से जोड़ता है।
 

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