पशुपालन & Doubling farmers income


पिछले 20 वर्षों से अपनादेश दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना हुआ है। इस उपलब्धि को हासिल करने में एनडीआरआई जैसे अनुसंधान सस्थानों का योगदान रहा है, जो डेयरी क्षेत्र की तकनीकी और मानव संसाधन आवश्यकताओं को पूरा करते आये हैं।
 Some fact on milk production
    विगत 3 वर्षों मे दुग्ध उत्पादन 137.7 मिलियन टन से बढ़कर 165.4 मिलियन टन हो गया है।  वर्ष 2014 से 2017 के बीच वृद्धि 20 % से भी अधिक रही है। 

“कृषि 2022- doubling farmer income:GSHINDI


    इसी तरह प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 307 ग्राम से बढकर वर्ष 2016-17 में 355 ग्राम हो गई है जोकि15.6% की वृद्धि है। इसी प्रकार 2011-14. की तुलना में 2014-17  में डेयरी किसानों की आय में 23.77% की वृद्धि हुई। 


Some scheme to ptomote Animal husbandary


    पशुपालन योजनाओं का लाभ सीधे किसानों के घर तक पहुँचे, इसके लिए सरकार द्वारा एक नई योजना ’’नेशनल मिशन आन बोवाइन प्रोडक्टीविटी’’ अर्थात् ’’गौपशु उत्पादकता राष्ट्रीय मिशन’’ को शुरू किया गया है। 
    इस योजना में ब्रीडिंग इन्पुट के द्वारा मवेशियों और भैंसों की संख्या बढ़ाने हेतु आनुवांशिक अपग्रेडेशन के लिए सरकार द्वारा 825  करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं। दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करके डेयरी कारोबार को लाभकारी बनाने के लिए यह योजना अपने उद्देश्य में काफी सफल रही है। 
    सरकार द्वारा प्रजनकों (ब्रीडरों) के साथ दुग्ध उत्पादकों को जोड़ने के लिए पहली बार, ई-पशुहाट पोर्टल राष्ट्रीय गौपशु उत्पादकता मिशन के तहत बनाया गया।

  GOKUL MISSION


    सरकार ने देशी नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन का शुभारंभ किया है। स्वदेशी नस्लों के विकास एवं एक उच्च आनुवांशिक प्रजनन की आपूर्ति के आश्रित स्रोत के केन्द्र के रूप में कार्य करने के लिए देश के 13 राज्यों  में 20 गोकुलग्राम स्वीकृत किए गए हैं। 
    स्वदेशी नस्लों के संरक्षण के लिए देश में दो राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केन्द्र भी स्थापित किए गए हैं, पहला दक्षिणी क्षेत्र में चिन्तलदेवी, नेल्लोर में और दूसरा उत्तरी क्षेत्र इटारसी, होशंगाबाद में। इस विश्वविद्यालय में जिस  मानव संसाधन का विकास हो रहा है उनसे एक मशालवाहक के रूप मे ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित व प्रचारित करने की आशा की जाती है कि मवेशियों की विशाल संख्या डेरी किसानों के लिए भरपूर आय के साधन सृजित करें।


Budget 2018-19 & Animal Husbandary

इस बजट में सरकार द्वारा पशुपालन पर विशेष जोर दिया गया है। 
    सरकार ने पिछले बजट में, नाबार्ड के साथ डेरी प्रसंस्करण और आधार संरचना विकास निधि को 10,881 करोड़ रूपये के कोष के साथ स्थापित किया था। इस वर्ष सरकार ने रूपये 2450करोड़a के प्रावधान के साथ पशुपालन क्षेत्र की बुनियादी आवश्यकताओं को फाइनेंस करने के लिए एक पशुपालन बुनियादी संरचना विकास निधि (ए.एच.आई.डी.एफ.) की स्थापना की है। 
     डेयरी किसानों की कार्यशील पूँजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मत्स्य पालक और पशुपालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी सरकार द्वारा बढ़ा दी गई है।
    सरकार की यह सभी पहल उद्यमशीलता विकास के द्वारा पशुधन क्षेत्र में स्वरोजगार की अधिकाधिक संभावनाओं को बढ़ाने वाले हैं। एनडीआरआई युवाओं को इस प्रकार प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वे जॉब-सीकर्स के बजाए जॉब प्रोवाइडर्स बनें। उन्होंने कहा कि उन्होंने एनडीआरआई की बी.पी.डी. युनिट को देखा है और वह उद्यमियों के प्रशिक्षण व विकास में संस्थान के द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अभिभूत हैं।
 

 

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