- सम्मेलन का आयोजन पर्यटन मंत्रालय ने महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों के सहयोग से किया है।
- सम्मेलन में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, म्यांमार और श्रीलंका के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, कम्बोडिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, जापान, लाओ पीडीआर, मलेशिया, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, नार्वे, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्लोवाक गणराज्य, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, थाइलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम सहित 29 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
- पर्यटन मंत्रालय दो वर्ष में एक बार अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन करता है। इससे पहले फरवरी, 2004 में नई दिल्ली और बोधगया में, फरवरी 2010 में नालंदा और बोधगया में, सितम्बर 2012 में वाराणसी और बोधगया में, सितम्बर 2014 में बोधगया और वाराणसी में तथा अक्टूबर 2016 में सारनाथ/वाराणसी और बोधगया में इसका आयोजन किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का धार्मिक/आध्यात्मिक, शैक्षणिक, कूटनीतिक तथा व्यावसायिक महत्व है। पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध धर्म से जुड़े विभिन्न पंथों, विद्वानों, जन नेताओं, पत्रकारों और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू टूर ऑपरेटरों को आमंत्रित किया है ताकि देश के बौद्ध सर्किट में दुनिया के अन्य भागों से आने वालों लोगों की संख्या बढ़ सके। आसियान क्षेत्र तथा जापान सहित बौद्ध आबादी वाले देशों से सम्मेलन में भागीदारी का बेहद महत्व है।