ATAL NEW iNDIA CHALLENGE

अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज (ATAL NEW iNDIA CHALLENGE)

नीति आयोग के अटल नवोन्मेषण मिशन ने आज अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज लांच करने की घोषणा की, जो प्रधानमंत्री के नवोन्मेषणों एवं प्रौद्योगिकियों को लोगों के लिए प्रासंगिक बनाने के आह्वान के बाद अस्तित्व में आया है

सामर्थ्य, प्रयोजन एवं प्रौद्योगिकियों को उत्पाद के रूप में ढ़ालने की क्षमता प्रदर्शित करने वाले आवेदकों को एक करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान सहायता के अतिरिक्त परामर्श, हैंडहोल्डिंग, इंक्यूबेशन तथा वाणिज्यीकरण के विभिन्न चरणों में आवश्यक अन्य समर्थन भी प्रदान किए जाएंगे और इससे व्यापक परिनियोजन भी सृजित होगी।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, आवास एवं शहरी मामले, कृषि एवं किसान कल्याण, पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालयों तथा रेल बोर्ड के साथ साझेदारी करने के जरिए एआईएम भारत के नवोन्मेषकों की क्षमता का लाभ उठाने का प्रयास करेगा।

अटल न्यू इंडिया चैलेंज, जो पांच मंत्रालय के सहयोग से संचालित किया जाएगा, के तहत एआईएम 17 चिह्नित फोकस क्षेत्रों, जिनके नाम हैं,

  • जलवायु स्मार्ट कृषि
  • सड़क एवं रेल के लिए फॉग विजन सिस्टम
  • उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के द्वारा रेल की विफलता से बचाव
  • रोलिंग स्टॉक का पूर्वानुमानित रखरखाव
  • वैकल्पिक ईंधन आधारित परिवहन
  • स्मार्ट गतिशीलता
  • इलेक्ट्रिक गतिशीलता
  • सुरक्षित परिवहन
  • त्वरित पोर्टेबल जल गुणवत्ता परीक्षण
  • वहनीय विलवणीकरण / रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकी
  • अपशिष्ट प्रबंधन रीसाइक्लिंग / पुनर्उपयोग
  • कचरा संरचना उपकरण
  • खाद की गुणवत्ता
  • विकेंद्रीकृत कंपोस्टिंग
  • खाद के लिए ब्लेड्स का मिश्रण
  • सार्वजनिक स्थानों में अपशिष्ट
  • सार्वजनिक स्थान पर गंदगी का निवारण

- में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों या प्रोटोटाइप्स का उपयोग करते हुए बाजार के लिए तैयार उत्पादों की डिजाइन करने के लिए संभावित नवोन्मेषकों/एमएसएमई/स्टार्टअप्स को आमंत्रित करेगा।

यह प्रोग्राम कंपनी अधिनियम 1956/2013 के तहत पंजीकृत भारतीय कंपनियों, मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उपक्रम (एमएसएमई), जैसा कि एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 में वर्णित है के लिए खुला है। यह स्टार्टअप्स, जैसा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा परिभाषित है, सरकारी या निजी अनुसंधान एवं विकास संगठनों (रेलवे आर एंड डी संगठन के अतिरिक्त), शैक्षणिक संस्थानों, शिक्षाविदों एवं यहां तक कि एकल नवोन्मेषकों को भी, बशर्ते कि वे उपयुक्त विनिर्माण क्षमताओं वाली कंपनियों की साझेदारी में हैं, आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करता है

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