केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्र प्रायोजित आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) लांच करने की स्वीकृति दे दी है।इसमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुष्मान मिशन के अंतर्गत केन्द्रीय क्षेत्र के घटक शामिल हैं। इस योजना में प्रति वर्ष प्रति परिवार को पांच लाख रुपये का लाभ कवर किया गया है। प्रस्तावित योजना के लक्षित लाभार्थी दस करोड़ से अधिक परिवार होंगे। यह परिवार एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर आबादी के होंगे। एबी-एनएचपीएम में चालू केन्द्र प्रायोजित योजनाओं-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) तथा वरिष्ठ नागरिकस्वास्थ्य बीमा योजना (एससीएचआईएस) समाहित होंगी।
प्रमुख विशेषताएं :
- एबी-एनएचपीएम में प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये का परिभाषित लाभ कवर होगा।
इस कवर में सभी द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रक्रियाएं शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई व्यक्ति (महिलाएं, बच्चे तथा वृद्धजन) छूट न जाए, इसलिए योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह कीसीमा नहीं होगी। लाभ कवर में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और दाखिल होने के बाद के खर्च शामिल किए जाएंगे। बीमा पॉलिसी के पहले दिन से विद्यमान सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भीभुगतान किया जाएगा।
- इस योजना का लाभ पूरे देश में मिलेगा और योजना के अंतर्गत कवर किये गये लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पजताल से रोकड़ारहित (कैशलेस) लाभ लेने की अनुमति होगी।
- एबी-एनएचपीएम पात्रता आधारित योजना होगी और पात्रता एसईसीसी डाटा बेस में वंचन मानक के आधार पर तय की जाएगी।
- लाभार्थी पैनल में शामिल सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में लाभ ले सकेंगे।
- एबी-एनएचपीएम लागू करने वाले राज्यों के सभी सरकारी अस्पतालों को योजना के लिए पैनल में शामिल समझा जाएगा। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) से जुड़े अस्पतालों को भी बिस्तर दाखिला अनुपात मानक के आधार पर पैनल में शामिल किया जा सकता है। निजी अस्पताल परिभाषित मानक के आधार पर ऑन लाइन तरीके से पैनल में शामिल किए जाएंगे।
- एबी-एनएचपीएम का एक प्रमुख सिद्धांत सहकारी संघवाद और राज्यों को लचीलापन देना है। इसमें सह-गठबंधन के माध्य्म से राज्यो के साथ साझेदारी का प्रावधान है।
- योजना को लागू करने के लिए राज्यों को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) की जरूरत होगी
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि धन एसएचए तक समय पर पहुंचे एबी-एनएचपीएमए के माध्यम से केन्द्र सरकार की ओर से राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों को धन अंतरण प्रत्यक्ष रूप से निलंब खाते से किया जा सकता है। परिभाषित समय सीमा के अन्दर राज्य को बराबर के हिस्से का अनुदान देना होगा।
- नीति आयोग के साथ साझेदारी में एक मजबूत, प्रमापी, आरोही तथा अन्तर संचालन आईटी प्लेटफार्म चालू किया जाएगा
कार्यान्वयन रणनीति
राष्ट्रीय स्तर पर प्रबंधन के लिए आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी (एबी-एनएचपीएमए) स्थापित की जाएगी। राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को समर्पित राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) द्वारा योजना लागू करने की सलाह दी जाएगी। राज्य/ केन्द्रशासित प्रदेश वर्तमान ट्रस्ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्य नोडल एजेंसी का उपयोग कर सकेंगे या नया ट्रस्ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्य स्वास्थ्य एजेंसी बना सकेंगे। राज्य/ केन्द्रशासित प्रदेश योजना को बीमा कंपनी के जरिए या प्रत्यक्ष रूप से ट्रस्ट/सोसायटीके माध्यम से या एकीकृत मॉडल का उपयोग करते हुए योजना लागू करने के बारे में निर्णय ले सकते हैं।
पृष्ठभूमि :
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 2008 में आरएसबीवाइ लांच किया। इसमेंगरीबी रेखा के नीचे के पांच सदस्यों वाले परिवारों तथा असंगठित श्रमिकों की 11 अन्य परिभाषित श्रेणियों पर प्रतिवर्ष 30000 रुपये के लाभ कवरेज के साथ रोकड रहित स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान है। आरएसबीवाई को स्वास्थ्य प्रणाली से एकीकृत करने तथा इसे भारत सरकार के व्यापक स्वास्थ्य सुविधा विजन का हिस्सा बनाने के लिए आरएसबीवाई को 01-04-2015 से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को हस्तांतरित कर दिया गया। 2016-17 के दौरान 3.63 करोड़ परिवार देश के 278 जिलों में आरएसबीवाइ के अंतर्गत कवर किए गये और ये परिवार 8,697 पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। एनएचपीएस इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लाया गया है कि विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालय तथा राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने अपने लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य बीमा/ सुरक्षा योजनाएं लागू की है। इन योजनाओं में मेलमिलाप करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता है ताकि सुधरी सक्षमता, पहुंच तथा कवरेज का लक्ष्य हासिल किया जा सके