भारतीय प्रतिस्पसर्धा आयोग में कटौती को मंजूरी (Competition commission of india)

मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (Competition commission of india) में वर्तमान दो रिक्‍त स्‍थानों तथा एक अतिरिक्‍त रिक्‍त स्‍थान को नहीं भरकर उसका आकार एक अध्‍यक्ष और छह सदस्‍य (कुल सात) से घटाकर एक अध्‍यक्ष और तीन सदस्‍य (कुल चार) करने की मंजूरी दे दी है।

लाभ :

  • इस प्रस्‍ताव से आयोग के सदस्‍यों के तीन पदों में कटौती हो जाएगी, जो न्‍यूनतम सरकार-अधिकतम शासन के सरकार के उद्देश्‍य को पूरा करता है।
  • देश में विलय और एकीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के सरकार के उद्देश्य के अंतर्गत मंत्रालय ने 2017 में अल्‍पतम स्‍तरों में संशोधन किया था, जो परिसम्‍पत्तियों की संगणना और ऐसे कार्यों से जुड़े एक लक्ष्‍य के कारोबार के लिए अपनाई जाने वाली युक्तियों और कार्य पद्धतियों पर लागू है। इससे आयोग में जमा करने के लिए उद्यमों के लिए अनिवार्य नोटिसों में कमी आएगी। इससे आयेाग पर पड़ने वाला बोझ कम होगा।
  • सुनवाईयों में तेजी से तब्‍दीली के कारण शीघ्र स्‍वीकृति की उम्‍मीद है, जिससे कॉरपोरेट की व्‍यवसाय प्रक्रिया तेज होगी और देश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
  • इस प्रस्‍ताव से आयोग के सदस्‍यों के तीन पदों में कटौती हो जाएगी, जो कम से कम सरकार-अधिकतम शासन के सरकार के उद्देश्‍य को पूरा करता है।

पृष्‍ठभूमि :

  • प्रतिस्‍पर्धा कानून, 2002 के अनुच्‍छेद 8(1) में व्‍यवस्‍था है कि आयोग में एक अध्‍यक्ष होगा तथा दो से कम और छह से अधिक सदस्‍य नहीं होंगे। इस समय पद पर अध्‍यक्ष और चार सदस्‍य आसीन हैं।
  • कानून में केन्‍द्र सरकार द्वारा अधिसूचित के स्‍थान पर कम से कम दो सदस्‍यों को मिलाकर एक प्रमुख बेंच, अन्‍य अतिरिक्‍त बेंच अथवा मर्जर बेंच स्‍थापित करने की जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए एक अध्‍यक्ष और 10 से अधिक सदस्‍य नहीं होने की आरंभिक सीमा प्रदान की गई थी। प्रतिस्‍पर्धा (संशोधन) कानून, 2007 (2007 के 39) में कानून के अनुच्‍छेद 22 में बेंचों के गठन का प्रावधान समाप्‍त करने के लिए संशोधन किया गया था। इसी संशोधन कानून मेंएक अध्‍यक्ष और दो सदस्‍यों को मिलाकर प्रतिस्‍पर्धा अपीलीय न्‍यायाधिकरण का गठन किया गया। आयोग के आकार में आनुपातिक कटौती नहीं की गई और इसमें एक अध्‍यक्ष और दो से कम लेकिन छह से अधिक सदस्‍य नहीं रखने की व्‍यवस्‍था की गई।
  • आयोग अपने अस्‍तित्‍व में आने के बाद से कोलेजियम के रूप में कार्य कर रहा है। प्रतिस्‍पर्धा प्राधिकार का आकारजापान, अमरीका और ब्रिटेन जैसे अनेक प्रमुख अधिकार क्षेत्रों की तरह है।

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