दीपोर बील में विश्‍व आद्रभूमि दिवस समारोह


     प्रत्‍येक वर्ष 02 फरवरी को विश्‍व आद्र भूमि दिवस मनाया जाता है। इसी दिन आद्र भूमि रामसर समझौते को अपनाया गया था। 
     आद्र भूमि पर समझौते को रामसर समझौता कहा जाता है। यह अंतर सरकारी संधि है, जो आद्र भूमि के संरक्षण और उचित उपयोग तथा उनके संसाधनों के लिए राष्‍ट्रीय कार्रवाई तथा अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग का ढांचा प्रदान करती है। 
     यह समझौता 1971 में ईरान के रामसर शहर में अपनाया गया। भारत 1982 से इस समझैते का सदस्‍य है और आद्र भूमि के उचित इस्‍तेमाल में रामसर दृष्टिकोण के प्रति संकल्‍पबद्ध है।
     पर्यावण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आद्र भूमि संरक्षण के लिए नोडल मंत्रालय है। यह 1985 से रामसर स्‍थलों सहित आद्र भूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रबंधनकारी योजना के डिजाइन और कार्यान्‍वन में राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को समर्थन दे रहा है। 140 से अधिक आद्र भूमियों के लिए प्रबंध कार्रवाई योजना लागू करने के लिए राज्‍य सरकारों को तकनीकी सहायता प्रदान की गई है।
          राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 400 हेक्‍टेयर से अधिक जमीन यानी भारत की 12 प्रतिशत भूमि बाढ़ और नदी के कटाव की संभावना से घिरी हुई है। कुल भौगोलिक क्षेत्र में आद्र भूमि 4.7 प्रतिशत है।
 

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