भारत विश्व का पहला ऐसा देश है जिसने शीतलता कार्ययोजना का दस्तावेज तैयार किया है।
मोटे तौर इसका लक्ष्य इस प्रकार है:
(i) अगले 20 वर्षों के लिये सभी क्षेत्रों की शीतलता संबंधी आवश्यकताओं इसे जुड़ी मांग और ऊर्जा की आवश्यकता का आकलन,
(ii) इसके लिये उपलब्ध तकनीकों की पहचान साथ ही अप्रत्यक्ष उपायों, वैकल्पिक तकनीकों और अलग प्रकार की तकनीकों की पहचान,
(iii) सभी क्षेत्रों के लिये एक टिकाऊ शीतलता और गर्म राहत प्रदान करने के लिये उपायों की सलाह देना
(iv) तकनीशियनों के कौशल विकास पर ध्यान और
(v) घरेलू वैकल्पिक तकनीकों के विकास के लिये शोध एवं विकास के पारिस्थितिकी तंत्र का विकास।