भारत का द्वितीय प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सहायता केन्द्र (टीआईएससी) चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय में स्थापित

  • भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो) के टीआईएससी कार्यक्रम के तहत चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन (सीआईपीआर) में भारत का द्वितीय प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सहायता केन्द्र (टीआईएससी) की स्थापना के लिए अन्ना विश्वविद्यालय के साथ एक संस्थागत समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • विपो के टीआईएससी कार्यक्रम के तहत विकासशील देशों के अन्वेषकों (इनोवेटर) की पहुंच स्थानीय उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी सूचनाओं एवं संबंधित सेवाओं तक संभव हो जाती है जिससे उनकी अभिनव खोज क्षमता का दोहन करने तथा उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के सृजन, संरक्षण एवं प्रबंधन में मदद मिलती है।
  • सीआईपीआर को 185 से भी अधिक पेटेंट, 29 ट्रेडमार्क, 39 कॉपीराइट और 25 औद्योगिकी डिजाइनों को दाखिल करने का अनुभव है। सीआईपीआर ने इसके साथ ही 12 अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदन दाखिल करने में भी सहायता की है। अन्ना विश्वविद्यालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एनआईआरएफ) द्वारा भारतभर के विश्वविद्यालयों में छठी रैंकिंग, इंजीनियरिंग कॉलेजों में आठवीं रैंकिंग और समग्र श्रेणी में तेरहवीं रैंकिंग दी गई है। सीआईपीआर ने इसके साथ ही आईपीआर जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ आईपीआर संबंधी विषयों पर छह सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
  • टीआईएससी का उद्देश्य भारत में एक गतिशील, जीवंत तथा संतुलित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) प्रणाली को प्रोत्साहित करना है, ताकि भारत में अनेक टीआईएससी का एक नेटवर्क स्थापित कर रचनात्मकता एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके और इस तरह उद्यमिता को प्रोत्साहन देना तथा सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना संभव हो सके। विश्व भर में फिलहाल 500 से अधिक टीआईएससी का संचालन हो रहा है तथा भारत में एक टीआईएससी की स्थापना से मेजबान संस्थानों की पहुंच वैश्विक नेटवर्क तक संभव हो जाएगी। टीआईएससी ज्ञान को साझा करने के अलावा टीआईएससी के बीच सर्वोत्तम विधाओं को साझा करने, क्षमता निर्माण और बौद्धिक संपदाओं के सृजन एवं वाणिज्यीकरण को बढ़ावा देगा

 

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