अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों और इससे जुड़ी कैज्युलटियों से पीडि़त व्यक्तियों की संख्या का ब्यौरा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता है। तथापि, सरकार ने देश में 12 राजयों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निम्हांस) के जरिए एक राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण करवाया था। 26 दिसंबर, 2016 को जारी इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार आम मानसिक विकारों, गंभीर मानसिक विकृतियों तथा 18 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में मद्यपान और नशीली पदार्थों के सेवन संबंधी विकारों (तंबाकू सेवन संबंधी विकार को छोड़कर) सहित मानसिक विकारों की व्याप्तता लगभग 10.6% है। इस सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:
- मानसिक रुग्णता की व्याप्तता शहरी महानगरों में ज्यादा है।
- मानसिक विकार अनेक गैर-संचारी विकृतियों के कारण और परिणाम दोनों से करीबी रूप से जुड़े हुए हैं।
- 40 में से लगभग 1 और 20 में से लगभग 1 व्यक्ति क्रमश: पूर्व अथवा वर्तमान अवसाद से गस्त होता है।
- न्यूरोसिस और तनाव संबंधी विकार 3.5% जनसंख्या को प्रभावित करते हैं और इनकी महिलाओं में ज्यादा होने की सूचना थी (पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुनी)।
- आंकड़े यह दर्शाते हैं कि सर्वेक्षण की जाने वाली 0.9% जनसंख्या आत्महत्या के उच्च जोखिम पर थी।
- मुख्य अवसादात्मक विकारों से ग्रस्त लगभग 50% व्यक्तियों द्वारा अपने दैनिक कामकाज के निर्वहन में कठिनाइयों की सूचना थी।
Schme for mental Health
भारत सरकार देश के 517 जिलों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ कार्यान्वित कर रही है:
- जिला स्वास्थ्य परिचर्या प्रदानगी प्रणाली के विभिन्न स्तरों पर निवारण, संवर्धक और दीर्घावधिक सतत परिचर्या सहित मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।
- मानसिक स्वास्थ्य परिचर्या के लिए अवसंरचना, उपकरण तथा मानव संसाधन के संदर्भ में सांस्थानिक क्षमता का संवर्धन करना।
- मानसिक स्वास्थ्य परिचर्या सेवाओं की प्रदानगी में सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी को प्रोत्साहन देना।
- अन्य संबद्ध कार्यक्रमों में मानसिक स्वास्थ्य के आधार को व्यापक बनाना।
देश में दक्ष मानसिक स्वास्थ्य व्यावसायिकों की अत्यंत कमी को पूरा करने के लिए सरकार एनएमएचपी के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञताओं में स्नातकोत्तर विभागों के सुदृढ़ीकरण/स्थापना और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए कार्मिक शक्ति विकास योजनाएं कार्यान्वित कर रही हैं। आज की तारीख तक देश में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञताओं में 47 स्नातकोत्तर विभागों के सुदृढ़ीकरण/स्थापना और 25 उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए सहायता प्रदान की गई है।
मानसिक बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को बीमार कवर प्रदान करने के लिए अथवा मानसिक स्वास्थ्य कार्मिकों के लिए सरकार की कोई विशेष स्कीम नहीं है।