‘दुग्‍ध प्रसंस्‍करण और बुनियादी विकास निधि’ योजना के कार्यान्‍वयन को मंजूरी

आर्थिक मामले की मंत्रिमंडल समिति ने 2017-18 से 2028-29 की अवधि के दौरान 10,881 करोड़ रूपये की लागत से ‘दुग्‍ध प्रसंस्‍करण और बुनियादी विकास निधि’ योजना के कार्यान्‍वयन को अपनी मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय बजट 2017-18 की घोषणा के बाद, नाबार्ड के साथ 8004 करोड़ रूपये की धनराशि से दुग्‍ध प्रसंस्‍करण और बुनियादी विकास निधि स्‍थापित की जाएगी। :

डीआईडीएफ की प्रमुख गतिविधियां :

  • इस परियोजना के तहत दूध को ठंडा रखने के लिए बुनियादी संरचना स्‍थापित करके और दूध में मिलावट की जांच के लिए इलैक्‍ट्रॉनिक उपकरण स्‍थापित करके, प्रसंस्‍करण सुविधा का निर्माण/आधुनिकीकरण/विस्‍तार करके दूध की खरीद के लिए एक कारगर प्रणाली विकसित की जाएगी और दुग्‍ध संघों/दुग्‍ध उत्‍पादक कंपनियों के लिए मूल्‍य संवर्धित उत्‍पादों के लिए शिक्षण संस्‍थान स्‍थापित करने पर जोर दिया जाएगा।

डीआईडीएफ का प्रबंधन :

  • यह परियोजना अपनी पात्रता शर्तों को पूरा करने वाली दुग्‍ध संघों, राज्‍य दुग्‍ध परिसंघों, बहु-राज्‍य दुग्‍ध सहकारिताओं, दुग्‍ध उत्‍पादक कंपनियों और एनडीडीबी सहायक संस्‍थाओं जैसे अंतिम ऋण प्राप्‍त कर्ताओं के माध्‍यम से सीधे तौर पर राष्‍ट्रीय दुग्‍ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्‍ट्रीय दुग्‍ध विकास सहकारिता (एनसीडीसी) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। एनडीडीबी, आनंद स्थित एक कार्यान्‍वयन और निगरानी प्रकोष्‍ठ परियोजना संबंधी दैनिक गतिविधियों के कार्यान्‍वयन और निगरानी का प्रबंध करेगा।
  • अंतिम ऋण प्राप्‍तकर्ता प्रति वर्ष 6.5 प्रतिशत की दर से ऋण प्राप्‍त करेंगे। प्रारम्भिक तौर पर दो वर्ष की रियायत सहित पुनर्भुगतान की अवधि 10 वर्ष होगी।
  • संबंधित राज्‍य सरकार ऋण के भुगतान की गांरटी करेंगे। यदि मंजूर की गई परियोजना के लिए अंतिम उपभोक्‍ता अपने हिस्‍से का योगदान करने में समर्थ नही है तो राज्‍य सरकार इसका योगदान करेगी।

डीआईडीएफ से लाभ :

  • इस निवेश के साथ लगभग 50,000 गांवों के 95,00,000 किसान लाभांवित होंगे। इससे 126 लाख लीटर प्रतिदिन अतिरिक्‍त दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता, 210 एमटी प्रतिदिन दूध सुखाने की क्षमता, प्रतिदिन 140 लाख लीटर की दूध को शीतल बनाने की क्षमता के सजृन के साथ-साथ दूध में मिलावट की जांच के लिए इलैक्‍ट्रोनिक उपकरण और प्रतिदिन 59.78 लाख लीटर दूध के मूल्य संवर्धित उत्‍पादों के विनिर्माण क्षमता के समकक्ष क्षमता तैयार होगी।
  • प्रारम्‍भ में 39 दुग्‍ध संघों के साथ विभाग 12 राज्‍यों के 39 मुनाफा कमाने वाले दुग्‍ध संघों के साथ परियोजना की शुरूआत करेगा, अन्‍य दुग्‍ध सहकारी संस्‍थाएं जो अपने कुल संसाधन और मुनाफा स्‍तर के आधार पर बाद के वर्षों में पात्र बन जायेंगी, वे डीआईडीएफ के अधीन ऋण के लिए आवेदन करेगी।

रोजगार सृजन की संभावना :

  • डीआईडीएफ योजना के कार्यान्‍वयन से कुशल, अर्धकुशल और अकुशल लोगों के लिए प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रोजगार के अवसर तैयार होंगे। मौजूदा दुग्‍ध प्रसंस्‍करण सुविधाओं के विस्‍तार और आधुनिकीकरण, नए प्रसंस्‍करण संयंत्रों की स्‍थापना, मूल्‍य संवर्धित उत्‍पादों के लिए निर्माण की सुविधा की स्‍थापना और गांव के स्‍तर पर व्‍यापक तौर पर दूध को ठंडा रखने के लिए कूलर स्‍थापित करने जैसी परियोजना गतिविधयों के माध्‍यम से योजना के अधीन लगभग 40 हजार लोगों को प्रत्‍यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  • मौजूदा टायर 1, 2 और 3 से टायर 4, 5 और 6 वाले नगरों/शहरों आदि से दूध और दुग्‍ध उत्‍पाद विपणन संचालन के विस्‍तार के कारण लगभग 2 लाख लोगों को अप्रत्‍यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे दुग्‍ध सहकारी संघों द्वारा अधिक संख्‍या में विपणन कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, वितरक नियुक्‍त होंगे और शहरी/ग्रामीण जगहों में अतिरिक्‍त दूध के बूथ और खुदरा दुकानें खुलेंगी।
  • दुग्ध सहकारी संस्‍थाओं की ओर से दूध खरीद संचालनों में वृद्धि के साथ दूध की खरीद से जुड़े संचालनों में वृद्धि, गांवों से लेकर प्रसंस्‍करण इकाइयों तक दूध के परिवहन और कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं, पशु पालन सेवाओं आदि जैसी सेवाओं का वितरण बढ़ने से लोगों को अतिरिक्‍त रोज़गार मिलेंगे

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