केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9046.17 करोड़ रूपये के तीन वर्ष के बजट के साथ 2017-18 से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) की स्थापना को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।
मुख्य बातें:
NNM एक शीर्षस्थ निकाय के रूप में मंत्रालयों के पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, पर्यवेक्षण, लक्ष्य निर्धारित करने तथा मार्गदर्शन करेगा।
इस प्रस्ताव में निम्नलिखित सम्मिलित है:
Ø कुपोषण का समाधान करने हेतु विभिन्न स्कीमों के योगदान का प्रतिचित्रण।
Ø अत्यधिक मजबूत अभिसरण तंत्र प्रारंभ करना।
Ø आईसीटी आधारित वास्तविक समय निगरानी प्रणाली।
Ø लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना।
Ø आईटी आधारित उपकरणों के प्रयोग के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को प्रोत्साहित करना।
Ø आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा रजिस्टरों के प्रयोग को समाप्त करना।
Ø आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की ऊंचाई के मापन प्रारंभ करना।
Ø सामाजिक लेखा परीक्षा।
Ø लोगों को जन आंदोलन के जरिए पोषण पर विभिन्न गतिविधियों आदि के माध्यम से शामिल करना, पोषण संसाधन केंद्रों की स्थापना करना इत्यादि शामिल है।
मुख्य प्रभाव:
यह कार्यक्रम लक्ष्यों के माध्यम से ठिगनेपन, अल्प पोषाहार, रक्त की कमी तथा जन्म के समय बच्चे के वजन कम होने के स्तर में कमी के उपाय करेगा। इससे बेहतर निगरानी समय पर कार्यवाही के लिए सावधानी जारी करने में तालमेल बिठाने तथा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मंत्रालय और राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को कार्य करने, मार्गदर्शन एवं निगरानी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
लाभ एवं कवरेज:
इस कार्यक्रम से 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ पंहुचेगा। सभी राज्यों और जिलों को चरणबद्ध रूप से अर्थात् 2017-18 में 315 जिले, वर्ष 2018-19 में 235 जिले तथा 2019-20 में शेष जिलों को शामिल किया जाएगा।
वित्तीय परिव्यय:
वर्ष 2017-18 से प्रारंभ तीन वर्षों के लिए 9046.17 करोड़ रूपये हैं। इसका सरकारी बजटीय समर्थन (50 प्रतिशत) तथा आईबीआरडी अथवा अन्य एमडीबी द्वारा 50 प्रतिशत वित्त पोषण होगा। केंद्र तथा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच 60:40 पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा हिमालीय राज्यों के लिए 90:10 तथा संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 100 प्रतिशत सरकारी बजटीय समर्थन होगा। तीन वर्ष की अवधि के लिए भारत सरकार का कुल अंश 2849.54 करोड़ रूपये होगा।
कार्यान्वयन रणनीति एवं लक्ष्य:
राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य ठिगनापन, अल्पपोषण, रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) को कम करना तथा प्रति वर्ष अल्पवजनी बच्चों में क्रमश: 2 प्रतिशत, 2 प्रतिशत, 3 प्रतिशत तथा 2 प्रतिशत की कमी लाना है। हालांकि ठिगनेपन को कम करने का लक्ष्य 2 प्रतिशत है, मिशन वर्ष 2022 (2022 तक मिशन 25) तक 38.4 (एनएफएचएस-4) से कम कर के 25 प्रतिशत तक लाने का प्रयास करेगा।
पृष्ठभूमि:
छह वर्ष से कम आयु के बच्चों और महिलाओं के बीच कुपोषण के मामले से निपटने के लिए सरकार ने कई स्कीमें लागू की हैं। इन योजनाओं के बावजूद देश में कुपोषण तथा संबंधित समस्याओं का स्तर ऊंचा है। योजनाओं की कोई कमी नहीं है किंतु आम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाओं को एक-दूसरे के साथ तालमेल स्थापित करने में कमी देखने में आई है। एनएनएम सुदृढ़ व्यवस्था स्थापित करके वांछित तालमेल को कायम करेगा।