जैविक खेती के विकास के लिए वेस्ट (कचड़ा) डीकंपोजर

राष्‍ट्रीय जैविक केन्‍द्र ने वर्ष 2015 से ‘कचरा डीकंपोजर उत्‍पाद का आविष्‍कार किया जिसके पूरे देश में एक आश्‍चर्यजनक सफल परिणाम निकले। इसका प्रयोग जैविक कचरे से तत्‍काल खाद बनाने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार के लिए बढे पेमाने में केंचुए पैदा होते हैं और पौध की बिमारियों को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसको देशी गाय के गोबर से सूक्ष्‍म जैविक जिवाणु निकाल कर बनाया गया है। आज की तिथि में वेस्‍ट डीकंपोजर की 30 ग्राम की मात्रा को पैक्ड बोतल में बेचा जाता है। जिसकी लागत 20 रु. प्रति बोतल आती है। इसका निर्माण राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र, गाजियाबाद में होता है। 8 क्षेत्रीय जैविक खेती केन्द्र के माध्यम से देश के किसानों एवं उद्दमियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। देश के 1 लाख किसानों के पास अभी तक पहुंचा है। 20 लाख से ज्यादा किसान इससे लाभान्वित हुए हैं। इस वेस्‍ट डीकंपोजर को आईसीएआर द्वारा सत्‍यापित किया गया है। 

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