प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (pradhanmantri gram sadak yojana)

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भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत ग्रामीण सड़क परियोजना को अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 50 करोड़ डॉलर के कर्ज के लिए समझौता हुआ।

  • पीएमजीएसवाई से पहचान, डिजाइन, निगरानी और निर्माण, समुदायों विशेषकर महिलाओं की भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण सड़कों के क्षेत्र में व्यापक बदलाव संभव हुआ है
  • अतिरिक्त वित्तपोषण से हरित प्रौद्योगिकी और कम कार्बन वाली डिजाइन व निर्माण की जलवायु अनुकूल तकनीकों से निर्माण की प्रौद्योगिकी में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा। अब ज्यादा ग्रामीण समुदायों की आर्थिक अवसरों और सामाजिक सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित होगी।

इस अतिरिक्त वित्तपोषण के अंतर्गत पीएमजीएसवाई और बैंक की भागीदारी से महज वित्तपोषण के अलावा हरित तकनीक, कम कार्बन वाली डिजाइन और नई तकनीकों के इस्तेमाल से हरित और जलवायु अनुकूल निर्माण के माध्यम से ग्रामीण सड़क नेटवर्क के प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा। ऐसा निम्नलिखित उपायों के माध्यम से किया जाएगाः

  • बाढ़, जलभराव, बादल फटने, तूफान, भूस्खलन, खराब जल निकासी, अत्यधिक कटाव, भारी बारिश और ऊंचे तापमान से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों की पहचान के लिए डिजाइन की प्रक्रिया के दौरान जलवायु जोखिम आकलन करना।
  • जल की सुगम निकासी के लिए पर्याप्त जलमार्गों और सबमर्सिबल सड़कों, कंकरीट ब्लॉक पेवमेंट्स के इस्तेमाल, जल निकासी में सुधार के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष रखरखाव।
  • पर्यावरण अनुकूल सड़कों के डिजाइन और नई तकनीकों के उपयोग, जिनमें टूटे हुए पत्थरों के स्थान पर स्थानीय सामग्री और रेत, स्थानीय मिट्टी, फ्लाई ऐश, ब्रिक क्लिन वेस्ट और अन्य सामग्रियों जैसे औद्योगिक उपोत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • सड़कों और पुलों के लिए प्री-फैब्रिकेटेड/प्री-कास्ट यूनिट्स के उपयोग के माध्यम से नवीन पुलों और पुलियों का निर्माण, जो भूकंप और पानी के दबाव की स्थिति में टिके रहने में सक्षम होते हैं।
  • पहाड़ी इलाकों की सड़कों में कटाई की सामग्री का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करने और उनके निस्तारण की समस्या का समाधान के लिए जैव अभियांत्रिकी उपायों के इस्तेमाल, निकासी में सुधार और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के लिए अन्य उपाय और पर्याप्त ढाल सुरक्षा उपलब्ध कराना।
  • अतिरिक्त वित्तीय सहायता से निर्माण और रखरखाव में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर तैयार करके लिंग भेद भी कम किया जाएगा। पिछली परियोजना में उत्तराखंड, मेघालय और हिमाचल प्रदेश में 200 किलोमीटर पीएमजीएसवाई सड़कों के नियमित रखरखाव के लिए महिला स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से समुदाय आधारित रखरखाव अनुबंध की योजना बनाई गई थी। एसएचजी द्वारा नियंत्रित रखरखाव अनुबंधों को 5 राज्यों की 500 किलोमीटर सड़कों तक बढ़ाया जाएगा।

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