श्रम ब्यूजरो अप्रैल 2016 से तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (नई श्रेणियां) आयोजित करता आ रहा है जिसका उद्देश्यू उत्तपरोतर तिमाहियों के दौरान रोजगार की स्थिति में सापेक्ष परिवर्तन का अनुमान लगाना है जिसमें कि 8 बड़े क्षेत्रों यथा विनिर्माण, निर्माण, व्यारपार, परिवहन, शिक्षा, स्वाआस्य्पी , आवास तथा रेस्टोकरेंट और आईटी/बीपीओ जैसे गैर-कृषि औद्योगिक अर्थव्य वस्थाण के बड़े हिस्सेन को शामिल किया जाता है। इस सर्वेक्षण में 10 या इससे अधिक संख्यार में कर्मचारियों वाली स्था़पनाओं को शामिल किया जाता है। छठीं आर्थिक गणना (छठीं ईसी) के अनुसार इन 8 क्षेत्रों में 10 या इससे अधिक कर्मियों वाले (संगठित क्षेत्र) की इकाईयों में कुल रोजगार के 81% व्येक्ति काम करते हैं।
प्रथम रिपोर्ट के परिणामों से पता चला है कि 8 चुनिंदा क्षेत्रों में 1 अप्रैल, 2016 को कुल अनुमानित रोजगार 205.22 लाख था।
इसके बाद की रिपोर्टों में दूसरी तिमाही के तिमाही रोजगार सर्वेक्षण से छठीं तिमाही रोजगार सर्वेक्षण तक निरंतर सकरात्मेक परिवर्तन देखने में आए, दूसरी तिमाही में अर्थात 1 जुलाई, 2016 में 1 अप्रैल, 2016 से 77 हजार रोजगारों का अनुमान था जो कि तीसरी तिमाही में 32 हजार, चौथी तिमाही में 1.22 लाख तथा पांचवी तिमाही में 1.85 लाख और छठीं तिमाही में 64 हजार अनुमानित रहा।
मौजूदा सातवीं तिमाही रोजगार सर्वेक्षण रिपोर्ट के परिणामों से पता चलता है कि पिछली तिमाही अर्थात 1 जुलाई, 2017 से 1 अक्टूैबर, 2017 के दौरान अखिल भारतीय स्त3र पर आठों क्षेत्रों में 1.36 लाख कर्मकारों की भारी सकारात्म क वृद्धि दर्ज की गई। पिछले वर्ष (1 अक्टू्बर, 2016 की तुलना में 1 अक्टूदबर, 2017) की तदनुरूपी अवधि की तुलना में तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के सातवें दौर में रोजगार में वार्षिक परिवर्तन 2.5% अधिक प्रदर्शित हुआ। क्षेत्रों के अलग-अलग विवरणों से पता चलता है कि आठ में से सात क्षेत्रों में अर्थात विनिर्माण क्षेत्र (+89 हजार), शिक्षा क्षेत्र (+21 हजार), परिवहन क्षेत्र (+2 हजार),आईटी/बीपीओ क्षेत्र (+1 हजार) में सकारात्म,क परिवर्तन रहा तथा केवल एक क्षेत्र यथा निर्माण क्षेत्र में पिछली तिमाही की तुलना में (-22 हजार) थोड़ा सा नकारात्म्क बदलाव आया। निर्माण क्षेत्र में यह नकारात्म9क बदलाव भवन निर्माण तथा भवनों के पूरी तरह तैयार किए जाने के कारण रहा। ऐसा मौसमी तथा त्यौनहारिक गतिविधियों के कारण हो सकता है।
रोजगार में 1.36 लाख के कुल अनुमानित बदलाव में से महिलाकर्मी (+) 74 हजार तथा पुरूषकर्मी (+) 62 हजार के बराबर हैं। नियमित कर्मियों की संख्या( में भी 65 हजार तक का महत्वकपूर्ण सकारात्मिक बदलाव देखने में आया जो संविदा तथा नैमितिक कर्मियों का सकारात्मक बदलाव क्रमश: 44 हजार तथा 23 हजार रहा है।
तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के परिणामों को नीचे उल्लेंखित तिमाही रोजगार सर्वेक्षण की सीमाओं के मद्देनजर देखा जाना चाहिए।
छठीं आर्थिक गणना (2013-14) से पता चलता है कि 58.5 मिलियन स्था पनाएं परिचालन में थी जिनमें 131.29 मिलियन लोग कार्यरत थे। इसके अलावा 58.5 मिलियन स्थािपनाओं में से 1.4% स्था पनाओं में 10 या अधिक व्य5क्ति रोजगार में लगे थे। उपर्युक्ति आठ बड़े क्षेत्रों को 10 या इससे अधिक कर्मियों को रोजगार में लगाने वाली इन सभी स्थाधपनाओं की सूची, छठीं आर्थिक गणना (छठीं ईसी) में मौजूदा तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के लिए नमूने के तौर पर प्रयोग में लाई गई थी।
चूंकि तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (नई श्रृंखला) का खाका छठीं आर्थिक गणना से तैयार किया गया है। तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में उन सभी कार्यकलापों को शामिल नहीं किया गया जो छठीं आर्थिक गणना की सीमा से बाहर थीं। इसके अलावा जो व्यापपक गतिविधियां छठी आर्थिक गणना में शामिल की गई थी परंतु तिमाही रोजगार सर्वेक्षण, अर्थात चुनिंदा 8 क्षेत्रों के अलावा, में शामिल नहीं की गई थी। वे वित्ती य तथा बीमा गति,विधियां, कृषि गतिकविधियां, फसल उत्पाादन को छोड़कर, अन्यी सेवाएं जो अन्यतत्र श्रेणीबद्ध नहीं है, इत्या्दि हैं।
इसके अलावा तिमाही रोजगार सर्वेक्षण उन नई इकाईयों से रोजगार आंकड़े एकत्र नहीं करती जो छठीं आर्थिक गणना के पश्चाेत अस्तित्व में आई हैं। छठीं आर्थिक गणना का क्षेत्रकार्य जनवरी, 2013 से अप्रैल, 2014 के बीच आयोजित किया गया था। प्रभावी तौर पर तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में उन स्थापपनाओं के रोजगार रूझान को शामिल किया गया है जिनका रोजगार दायरा लगभग 2.40 करोड़ कर्मियों का ही है जबकि कुल कर्मीदल में 47 करोड़ या इससे अधिक कर्मी हैं