- पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अध्यक्षता में बनी समिति ने बच्चों के अंतर्देशीय निष्कासन और अवधारण से संबंधित कानूनी विषयों पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी और ऐसे मामलों में शामिल माता-पिता और बच्चों की समस्याओं के समाधान पर सिफारिशें कीं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने समिति की नियुक्ति की थी। समिति ने बच्चों के अंतर्देशीय निष्कासन और पुनर्स्थापन पर व्यापक विचार-विमर्श और समीक्षा के बाद महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
- समिति ने मध्यस्थता आवश्यकता को पहला कदम मानते हुए सिफारिश की है कि सरकार एक अंतर्देशीय अभिभावकीय बाल निष्कासन विवाद समाधान प्राधिकरण बना सकती है। इस प्राधिकरण की परिकल्पना बच्चों के अंतर्देशीय निष्कासन और अवधारण के मामलों के एकल खिड़की समाधान के रूप में की गई है।
- न्यायमूर्ति बिंदल समिति ने सिफारिश की है कि प्राधिकरण की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और प्राधिकरण में महत्वपूर्ण मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ कानूनी और सामाजिक पृष्ठभूमि के सदस्य शामिल होंगे।
- समिति ने सिफारिश की है कि प्राधिकरण सांस्कृतिक परिवेश, मामले की योग्यता और बच्चे के सर्वाधिक हित में बच्चों के निष्कासन और अवधारण के अंतर्देशीय मामलों की समीक्षा करेगा। समिति ने अपनी सिफारिश के साथ सरकार को विधायी प्रारूप भी पेश किया है। समिति से विधि आयोग द्वारा तैयार किए गए अंतर्राष्ट्रीय बाल अपहरण विधेयक के प्रारूप का अध्ययन करने के लिए भी अनुरोध किया गया था।