- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अम्ब्रेला स्कीम महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं के विस्तार के लिए वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 की अवधि के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है
- सीसीईए ने ‘प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र (पीएमएमएसके)’ नामक नई स्कीम को भी मंजूरी प्रदान की है, जो सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करेगी, जिससे कि एक ऐसा परिवेश बनाया जा सके, जिसमें वह अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सके। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत विस्तार को भी 161 जिलों में सफल कार्यान्वयन के आधार पर मंजूरी प्रदान की गई है।
स्कीम के फायदे:
मंजूर की गई उप-योजनाएं सामाजिक कल्याण क्षेत्र, विशेषकर महिलाओं की देखभाल, सुरक्षा और विकास की योजनाएं हैं। इसका लक्ष्य घटते हुए लिंगानुपात में सुधार करना, नवजात कन्या की उत्तरजीविता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना, उसकी शिक्षा को सुनिश्चित करना और उसकी क्षमता को पूर्ण करने के लिए उसे सशक्त बनाना है। यह ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों को प्राप्त करने हेतु सरकार से संपर्क करने के लिए इंटरफेस प्रदान करेगा और यह प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाएगी। स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थी स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा और लैंगिक समानता की भावना को प्रोत्साहित करेंगे। यह विद्यार्थी ‘बदलाव के एजेंटों’ के रूप में कार्य करेंगे और इनका समुदायों और देश पर अभूतपूर्व प्रभाव पड़ेगा।
अम्ब्रेला स्कीम के मुख्य कार्यकलाप:
प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र (पीएमएमएसके) नई स्कीम की परिकल्पना विभिन्न स्तरों पर कार्य करने के लिए की गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर (क्षेत्र आधारित ज्ञान सहायता) और राज्य स्तर (महिलाओं के लिए राज्य संसाधन केंद्र) संरचनाएं महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर संबंधित सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी, जिला और ब्लॉक-स्तरीय केंद्र एम.एस.के को सहायता प्रदान करेंगे और यह चरणबद्ध तरीके से कवर किए जाने वाले 640 जिलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) को आधार प्रदान करेंगे।