- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो जगहों यानी कर्नाटक के पदुर और ओडिशा के चांदीखोल में 6.5 मीट्रिक टन (एमएमटी) क्षमता के अतिरिक्त आपातकालीन पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर) स्थापित करने और इन दोनों एसपीआर के लिए समर्पित एसपीएम (सिंगल पॉइंट मूरिंग) के निर्माण को मंजूरी दी है। चांदीखोल और पदुर के लिए एसपीआर प्रतिष्ठान भूमिगत (अंडरग्राउंड रॉक कैवर्न) होंगे और उनकी क्षमता क्रमश: 4 एमएमटी और 2.5 एमएमटी होगी। सरकार ने वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा में दो अतिरिक्त एसपीआर स्थापित करने की घोषणा की थी।
- भारत सरकार से बजटीय सहायता कम करने के लिए पीपीपी मॉडल के तहत इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इस प्रकार की सहभागिता के लिए नियमों और शर्तों का निरधारण वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। इससे पहले संभावित निदेशक सहित बाजार की जरूरतों को समझने के लिए रोड शो का आयोजन भी किया जाएगा।
- आईएसपीआरएल तीन जगहों – विशाखापत्तनम (1.33 एमएमटी), मंगलूर (1.5 एमएमटी) और पदुर (2.5 एमएमटी) – 5.33 एमएमटी कच्चे तेल के भंडारण के लिए अंडरग्राउंड रॉक कैवर्न का निर्माण पहले ही कर चुके हैं। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए खपत आंकड़ों के अनुसार, एसपीआर कार्यक्रम के पहले चरण के तहत कुल 5.33 एमएमटी क्षमता से करीब 10 दिनों के लिए भारत की कुल कच्चे तेल की जरूरतों के लिए आपूर्ति की जा सकती है। 6.5 एमएमटी के अतिरिक्त आपातकालीन पेट्रोलियम भंडार स्थाअपित करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी से करीब 12 दिनों के लिए अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी और इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बल मिलने की उम्मीद है।