स्वातंत्रता सैनिक सम्मान योजना (swatantrata sainik samman yojana)


     केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी 2017-2020 के दौरान स्व’तंत्रता सैनिक सम्मादन योजना (एसएसएसवाई) को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। 12वीं पंचवर्षीय योजना की अवधि 31 मार्च, 2017 को समाप्तख हो चुकी है।     
    इस योजना को मंजूरी मिलने से सम्मासन के प्रतीक के रूप में देश के स्व तंत्रता संग्राम में स्‍वाधीनता सैनानियों को उनके योगदान के लिए, उनकी मृत्यु  होने पर उनके जीवन साथी और उसके बाद उनके पात्र आश्रितों यानी अविवाहित और बेरोजगार लड़कियों तथा आश्रित माता-पिता को निर्धारित योग्यरता नियमों और प्रक्रिया के अनुसार मासिक सम्मातन पेंशन प्रदान की जाएगी।
पृष्ठ्भूमि: 
    सरकार ने ‘अंडमान के पूर्व राजनीतिक कैदियों के लिए पेंशन योजना’ 1969 में शुरू की थी। यह योजना उन स्वा‘धीनता सेनानियों के सम्माोन में शुरू की गई थी, जिन्हें् पोर्ट ब्लेचयर की सेल्यूनलर जेल में कैद कर दिया गया था। 
    1972 में आजादी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वाीधीनता सैनानियों को नियमित पेंशन देने की योजना शुरू की गई। इसके बाद 01.08.1980 में एक उदार योजना लागू की गई, जिसे ‘स्वातंत्रता सैनिक सम्मा0न पेंशन योजना, 1980’ नाम दिया गया। वित्तो वर्ष 2017-18 से इस योजना का नाम बदलकर ‘स्वसतंत्रता सैनिक सम्‍मान योजना’ कर दिया गया। अब तक केन्द्रीरय सम्मा न के लिए कुल 1,71,617 स्वािधीनता सैनानियों और उनके पात्र आश्रितों को मंजूरी दी गई है।     
    इस समय इस योजना के अंतर्गत 37,356 स्वा‍धीनता सेनानी और उनके पात्र आश्रित पेंशनरों को शामिल किया गया है, जिसमें 12,657 स्वावधीनता सेनानी और 23,127 आश्रित जीवन साथी और 1572 लड़कियां शामिल हैं। आरंभ में पेंशन की राशि 200 रुपया प्रति माह थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जा चुका है। 15.8.2016 से पेंशनरों की सभी श्रेणियों के लिए इस राशि को बढ़ाया गया है। अभी तक स्वाचधीनता सेनानी पेंशनरों पर लागू औद्योगिक कर्मचारियों की अखिल भारतीय उपभोक्ताी मूल्यव सूचकांक पर आधारित मंहगाई राहत योजना को बंद कर दिया गया और इसके स्था न पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू वर्ष में दो बार वाला महंगाई भत्ताइ लागू कर दिया गया। पेंशनरों को दिये जाने वाले भत्तेम को ‘महंगाई राहत’ नाम दिया गया
 

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download