- भारत पारंपरिक ज्ञान की चोरी की रोकथाम से जुड़े मसलों पर डब्ल्यूटीओ परिचर्चाएं फिर से शुरू करने के अभियान की अगुआई कर रहा है। डब्ल्यूटीओ अध्ययन केन्द्र, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान और साउथ सेंटर (जिनेवा स्थित एक अंतर-सरकारी संगठन) के साथ मिलकर भारत सरकार 7-8 जून, 2018 को जिनेवा में ‘ट्रिप्स-सीबीडी संयोजन’ पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रही है।
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- ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल के लिए भारत से हाथ मिलाया है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विकासशील और विकसित देशों के स्वदेशी लोग/स्थानीय समुदाय, इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध शिक्षाविद, जिनेवा स्थित वार्ताकार इत्यादि एकजुट होंगे। ये समस्त हस्तियां डब्ल्यूटीओ में इस विषय पर वार्ताओं को नई गति देने के विकल्पों पर विचार मंथन करेंगी। ब्राजील, चीन, भारत, इंडोनेशिया, पेरु, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड और अमेरिका सहित कई देशों की संसाधन हस्तियां, हितधारक और विशेषज्ञ इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेंगे।
- जैविक विविधता पर संधिपत्र (सीबीडी) सतत विकास और आनुवांशिक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों के निष्पक्ष और न्यायसंगत साझाकरण पर एक बहुपक्षीय समझौता है।
- ट्रिप्स–सीबीडी संयोजन भारत और अन्य विकासशील देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जैव-चोरी (पायरेसी) की समस्या का समाधान होगा।