वर्तमान यूरिया सब्सिडी योजना को 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी जारी रखने की मंजूरी

 

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने कुल 1,64,935 करोड़ रुपये के अनुमानित व्‍यय से यूरि‍या पर सब्सिडी योजना को 2019-20 तक जारी रखने तथा इसकी अदायगी से संबधित उर्वरक विभाग के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है।

विवरण :

  • यूरिया सब्सिडी 1 अप्रैल, 2017 से प्रभावी उर्वरक विभाग की केन्‍द्रीय योजना का हिस्‍सा है जिसका बजटीय सहायता से सरकार पूरी तरह से वित्‍तीय प्रबन्‍ध करती है।
  • यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहने से यूरिया उत्‍पादकों को समय पर सब्सिडी का भुगतान तथा किसानों को समय पर यूरिया की उपलब्‍धता सुनिश्चित हो सकेगी।
  • यूरिया सब्सिडी में आयातित यूरिया सब्सिडी भी शामिल है, जो देश में यूरिया की निर्धारित मांग और उत्‍पादन के बीच की खाई को पाटने के लिए आयात को सुधारने की तरफ संचालित है। इसमें देश में यूरिया को लाने-ले जाने के लिए माल भाड़ा सब्सिडी भी शामिल है।

यह किसान हित से जुड़ी सरकारी नीतियों का है विस्‍तार है। इससे पहले 2015 में 100 प्रतिशत नीम लेपित यूरिया के इस्‍तेमाल को अनिवार्य बनाया गया था। कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग की ओर से कराए गए अध्‍ययन में नीम लेपित यूरिया के निम्‍नलिखित फायदे पाए गए:

  • i. की उर्वरता में वृद्धि
  • ii. के संरक्षण के लिए इस्‍तेमाल किए जाने वाले रसायनों की लागत में कमी
  • iii. और रोगों के खतरों में कमी
  • iv. की उपज में 5.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी
  • v. की उपज में 17.5 प्रतिशत की वृद्धि
  • vi. की उपज में 7.14 प्रतिशत की वृद्धि‍
  • vii. की उपज में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि
  • viii. दाल की उपज में 16.88 प्रतिशत की वृद्ध

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Neem Coated UREA BENEFIT

नीप लेपित यूरिया का एक सकारात्‍मक प्रभाव यह भी रहा है कि इससे सब्सिडी वाले यूरिया के गैर कृषि वाले कामों में इस्‍तेमाल पर रोक लगी है। नीम लेपित यूरिया के बड़े फायदों को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने अब इसे 45 किलोग्राम के बैग में उपलब्‍ध कराने की योजना बनायी है। इससे किसानों के लिए उर्वरकों की लागत में काफी कमी आएगी।

सरकार ने स्‍वेदशी स्‍तर पर यूरिया के उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए 2015 में नयी यूरिया नीति अधिसूचित की थी। जिसका उद्देश्‍य यूरिया उत्‍पादन में बिजली की लागत घटाना तथा सरकार पर यूरिया सब्‍सिडी के बोझ को कम करना है। इस नीति‍ की वजह से देश में 2015- 16 के दौरान रिकार्ड 245 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्‍पादन हुआ। इस अवधि में बिना किसी क्षमता विस्‍तार के 20 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्‍त यूरिया का उत्‍पाद हुआ।

इन प्रयासों से किसानों को किफायती दरों पर सहजता के साथ यूरिया की उपलब्‍धता सुनिश्चित की गयी है। आज के मंत्रिमंडल के फैसले ने किसानों के कल्‍याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता एक बार फिर से व्‍यक्‍त की है।

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