- वन धन मिशन गैर-लकड़ी के वन उत्पादन का उपयोग करके जनजातियों के लिए आजीविका के साधन उत्पन्न करने की पहल है।
- जंगलों से प्राप्त होने वाली संपदा, जो कि वन धन है, का कुल मूल्य दो लाख करोड़ प्रतिवर्ष है।
- इस पहल से जनजातीय समुदाय के सामूहिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
- वन धन योजना का उद्देश्य परंपरागत ज्ञान और कौशल को सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से और निखारना भी है।
- वन संपदा समृद्ध जनजातीय जिलों में वन धन विकास केंद्र जनजातीय समुदाय के जरिये संचालित होंगे।
- एक केंद्र 10 जनजातीय स्वयं सहायता समूह का गठन करेगा। प्रत्येक समूह में 30 जनजातीय संग्रहकर्ता होंगे।
- एक केंद्र के जरिये 300 लाभार्थी इस योजना में शामिल होंगे।
- एक परिवर्तनकारी पहल के तहत प्रधानमंत्री ने जनजातीय मंत्रालय और ट्राई फैड की वन धन योजना का अंबेडकर जयंती समारोह में बीजापुर, छत्तीसगढ़ में 14 अप्रैल, 2018 को उद्घाटन किया था