हममें से ज्यादातर लोग सुबह उठते ही सबसे पहले अपने स्मार्टफोन पर आए संदेश पढ़ते हैं। इसके बाद वे अपने दूसरे कामों की शुरुआत करते हैं। टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को बहुत सुविधाजनक बना दिया है लेकिन दिनभर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संपर्क में रहने से ऊब भी पैदा होती है।
सोशल मीडिया अकाउंट पर आने वाले लगातार नोटिफिकेशन आपकी एकाग्रता को भंग करते हैं तो उनके बारे में सोचने का यह सही समय है। यहां हम स्मार्ट डिवाइसेस से होने वाली मुश्किलों से बचने की कुछ तरकीबें सुझा रहे हैं।
नोटिफिकेशन की परवाह नहीं
अगर आपको लगता है कि आप बार-बार फेसबुक या व्हाटऐप नोटिफिकेशन चेक करते रहते हैं तो आपको इस आदत पर लगाम लगाने की जरूरत है। अगर आप खुद पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो दिन में अपने लिए ऐसा समय तय कर लीजिए जबकि आप इन नोटिफिकेशन को देखेंगे। आप डेटा को भी बंद कर सकते हैं। कई बार व्यक्ति को लगता है कि इस तरह वह दूसरों से कट जाएगा लेकिन अगर कोई महत्वपूर्ण बात हुई तो लोग आपको कॉल कर सकते हैं और इसलिए सोशल मीडिया नोटिफिकेशन से खुद को दूर कीजिए।
फिजूल ऐप हटाइए
अपने स्मार्टफोन से वे सारे ऐप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हटा दीजिए जिनका आप उपयोग नहीं करते। उन सभी न्यूजलेटर को भी अनसब्सक्राइब कर दें जो लगातार आपके मेल बॉक्स में पहुंचते रहते हैं। 'अनरोल डॉट मी' ऐसी बढ़िया वेबसाइट है जो अनावश्यक न्यूजलेटर से बचने में आपकी मदद कर सकती है। इस तरह आप अनावश्यक ईमेल और नोटिफिकेशन से बच सकेंगे।
छुट्टी मतलब व्यवधान नहीं
छुट्टियों का मतलब है कि वे सहज होने में आपकी मदद करें लेकिन अगर छुट्टियां बिताते हुए भी व्यक्ति पूरे समय फोन पर ही चिपका रहता है तो समझिए कि यह समस्या बन गई है। कई बार लोग वर्चुअल दुनिया में इतना खोए होते हैं कि वे जहां मौजूद हैं उस जगह की खूबसूरती की तारीफ करना ही भूल जाते हैं। तो अगली बार अगर आप हॉलीडे पर जा रहे हैं तो फोन को कुछ समय के लिए बंद रखना सीखिए।
दोस्तों के बीच फोन नहीं
जब भी कभी आप अपने दोस्तों के साथ बातचीत कर रहे हों या उनके साथ किसी कार्यक्रम में हों तो अपने फोन को साइलेंट पर रखें या फिर उसे कुछ समय के लिए बंद कर दें। दोस्तों के साथ होने पर उनकी बातचीत में अपना पूरा ध्यान लगाना चाहिए। ऐसे समय में फोन आपको सहज नहीं रहने देता है।
किताब पढ़ें, फोन नहीं
आजकल लोग कम्प्यूटर पर ही किताबें पढ़ने लगे हैं और फिल्म भी कम्प्यूटर या मोबाइल की स्क्रीन पर ही देख लेते हैं लेकिन अगर आप स्मार्टफोन के आदी होते जा रहे हैं तो फिर उसकी स्क्रीन पर ही हर चीज पढ़ने के बजाय किताब पढ़ने का विकल्प चुनिए। इसके अलावा फोन पर ही फिल्में देखने के बजाय सिनेमा हॉल तक जाने की कोशिश कीजिए। जब आप स्मार्टफोन की कैद से छूटेंगे तो जिंदगी में और भी चीजें आपको दिखलाई देंगी।
बेडरूम में कोई उपकरण नहीं
डिजिटल उपकरणों से अगर आप तंग आ चुके हैं तो अपने बेडरूम को इनसे मुक्त कीजिए। लंबे और व्यस्त कामकाजी दिन के बाद जब आप घर पहुंचते हैं तो बेडरूम में जाते हुए सेलफोन को बंद कर दीजिए। कोशिश कीजिए कि अपने बेडरूम को टीवी, मोबाइल, लैपटॉप और किसी भी तरह के डिजिटल उपकरण से पूरी तरह मुक्त रख सकें। यह ऐसी जगह हो जहां आप खुद को तनाव से मुक्त कर सकें।
अपने शौक को तलाशिए
अगर टेबल टेनिस खेलते थे या तैराकी करते थे या फिर शाम को ग्राउंड पर रनिंग के लिए जाने का शौक रखते थे तो अपने उस शौक को फिर जगाइए। अगर व्यक्ति के पास कोई दूसरा शौक नहीं होता है तो वह पूरे ही दिन मोबाइल की स्क्रीन पर दोस्तों को खोजता रहता है। जिंदगी में नए रंग भरने के लिए कोई नई चीज सीखिए और आप पाएंगे कि आप स्मार्टफोन की कैद से आजाद हो गए हैं।