जिंदगी में लक्ष्यों या सपनों का पीछा करते हुए आपको समर्पण, फोकस और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। इनके साथ ही साथ आपको उम्मीद के साथ आगे बढ़ना होता है। बहुत सारे लोग उत्साह के साथ लक्ष्यों को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं और कुछ ही समय में निराश हो जाते हैं।
वे किसी तरह फिर से शुरुआत करते हैं लेकिन इस बार भी निराशा हाथ लगने पर वे लक्ष्य का पीछा करना ही छोड़ देते हैं।
लक्ष्यों या सपनों का पीछा करते हुए अक्सर कुछ छोटी गलतियों के कारण ऐसा होता है। इन गलतियों के प्रति सतर्क रहना जरूरी है ताकि बेहतर तरीके से लक्ष्य का पीछा कर पाएं।
बहुत जल्दी नतीजे चाहना
- सफलता की तरफ बढ़ते हुए बहुत जल्दी नतीजों की इच्छा बहुत नुकसान पहुंचाती है।
- अगर आप तेजी से परिणाम या नतीजे चाहते हैं और वे नहीं मिलते हैं तो आप निराश हो जाते हैं।
- यह निराशा आगे लेने वाले सभी निर्णयों पर असर डालती है।
- तब आप लक्ष्यों की तरफ बढ़ने का उत्साह खो बैठते हैं। अंतिम लक्ष्य पाना हैं तो आपको धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि आप बड़े लक्ष्यों को पा सकें।
स्थितियों की तैयारी नहीं
- लक्ष्यों या सपनों की तरफ बढ़ते हुए कई बार आकस्मिक स्थितियां सामने आती हैं। यह तब होता है जब व्यक्ति पहले से तैयार नहीं होता है और अचानक मुश्किल से टूट जाता है।
- इस तरह की आकस्मिक स्थितियों के लिए पहले से तैयारी करके व्यक्ति खुद का उत्साह बनाए रख सकता है।
- किसी भी उद्यम या काम में अचानक सामने आई परेशानी संभलने का मौका नहीं देती है इसलिए इन स्थितियों के लिए पहले से तैयारी करना चाहिए।
दूसरों से प्रभावित होना
- जब भी कभी व्यक्ति को यह लगता है कि वह उदास है या फिर उसका आत्मविश्वास कम हो गया है तो इसका स्पष्ट मतलब है कि वह कहीं न कहीं अपनी सफलता की दूसरों के साथ तुलना कर रहा है। यह ऐसी गलती है जिसका खामियाजा बहुत बड़ा होता है।
- अपनी कमियों को स्वीकार करना चाहिए और उनके साथ ही लक्ष्यों को पाने की योग्यता को देखना चाहिए। दूसरों को उनके जीवन में तरक्की करते हुए देखकर खुद को कमतर आंकने से लक्ष्यों को पाने के उत्साह में फर्क आता ही है।
हैसियत से बड़े कदम
कई लोग तेजी से जिंदगी में सफलता पाने के चक्कर में अपनी हैसियत से बड़े कदम उठाते हैं और फिर इन बड़ी गलतियों का खामियाजा जिंदगी भर भुगतते हैं। बड़े सपने देखना गलत नहीं है लेकिन उनके लिए उठाए जाने वाले कदम वास्तविकता की जमीन पर होना चाहिए।
रोज के कामों में ही उलझे रहना
- अपनी जिंदगी में बड़े सपनों को हासिल करने के लिए आपको समस्याओं को हल करने का तरीका बदलना चाहिए।
- नई आदतें विकसित करना चाहिए। अपने व्यवहार में भी सकारात्मक परिवर्तन जरूरी हैं।
- ये बदलाव रातोंरात नहीं आते मगर आप बहुत ही सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ते हैं तो सपनों को पाना मुश्किल नहीं।
- कुछ लोग बड़े सपने तो देखते हैं लेकिन वे उनका पीछा करते हुए सकारात्मक बदलाव के प्रति पर्याप्त उत्सुकता नहीं दिखाते हैं और पिछड़ जाते हैं। बड़े सपने देखने के बाद उनका पीछा करते हुए खुद को लगातार तैयार करना बहुत ही जरूरी है।
थोड़ी असफलता से निराश हो जाना
- बहुत से लोग मिलने वाली आरंभिक असफलताओं से ही निराश हो जाते हैं और फिर प्रयास करना छोड़ देते हैं।
- जब भी कभी व्यक्ति असफल होता है तो यह उस पर निर्भर करता है कि वह अपनी असफलता से किस तरह बाहर निकले।
- कुछ लोग असफलता से सीख लेकर आगे दुगुने उत्साह से काम करते हैं और आगे बढ़ते हैं।
- वे असफलता से निराश नहीं होते बल्कि ज्यादा उत्साह के साथ आगे बढ़ते हैं। छोटे-मोटे धक्कों से अगर व्यक्ति रुक जाता है तो वह अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाता है।
सिर्फ कल्पना में ही जीना
- बड़े सपनों का पीछा करते हुए अक्सर लोग कल्पना करते हैं कि छह महीने में वे कहां होंगे और फिर अगले छह माह में कहां और इस तरह 2 साल में वे बहुत आगे खड़े हो जाएंगे।
- बड़े लक्ष्यों का पीछा करते हुए कल्पना करना जरूरी है लेकिन सचाई को भी सामने रखना महत्वपूर्ण है।
अगर आप सच को नहीं देख पाएंगे तो जल्दी ही लड़खड़ा जाएंगे। बड़े सपनों या लक्ष्यों का पीछा करते हुए तरक्की का अंदाज काल्पनिक ढंग से नहीं बल्कि वास्तविकता में लगाइए ताकि आपको बड़ी निराशा का सामना न करना पड़े।